"नमस्ते सदा वत्सले" गाते रहते हैं, संघ शाखा और भाजपा कार्यालयों में वंदे मातरम या जन गण मन नहीं गाया?, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर किया हमला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 7, 2025 13:24 IST2025-11-07T13:23:25+5:302025-11-07T13:24:18+5:30

1896 में कलकत्ता में कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष रहमतुल्लाह सयानी के नेतृत्व में, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार सार्वजनिक रूप से वंदे मातरम गाया था।

National anthem 150 years Namaste Sada Vatsale sung but Vande Mataram Jana Gana Mana not in RSS shakhas BJP offices Congress President Mallikarjun Kharge attacks PM Modi | "नमस्ते सदा वत्सले" गाते रहते हैं, संघ शाखा और भाजपा कार्यालयों में वंदे मातरम या जन गण मन नहीं गाया?, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर किया हमला

file photo

Highlightsकांग्रेस, वंदे मातरम् का गौरवशाली ध्वजवाहक रही है।भारतीयों को भारत माता की मुक्ति के लिए एकजुट किया।क्रांतिकारियों की अंतिम सांस तक, वंदे मातरम् पूरे देश में गूंजता रहा।

नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय गीत के 150 साल पूरा होने के मौके पर शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि यह बहुत विडंबनापूर्ण है कि जो लोग आज राष्ट्रवाद के स्वयंभू संरक्षक होने का दावा करते हैं उन्होंने अपनी शाखाओं या कार्यालयों में कभी वंदे मातरम गाया। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आज तक कांग्रेस की हर बैठक में गर्व और देशभक्ति के साथ वंदे मातरम गाया गया है। खड़गे ने एक बयान में कहा, "कांग्रेस, वंदे मातरम् का गौरवशाली ध्वजवाहक रही है।

1896 में कलकत्ता में कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष रहमतुल्लाह सयानी के नेतृत्व में, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार सार्वजनिक रूप से वंदे मातरम गाया था। उस क्षण ने स्वतंत्रता संग्राम में नई जान फूंक दी।" कांग्रेस समझ गई थी कि ब्रिटिश साम्राज्य की फूट डालो और राज करो की नीति, धार्मिक, जातिगत और क्षेत्रीय पहचानों का दुरुपयोग करके, भारत की एकता को तोड़ने के लिए रची गई थी। इसके विरुद्ध, वंदे मातरम् देशभक्ति के गीत के रूप में उभरा, जिसने सभी भारतीयों को भारत माता की मुक्ति के लिए एकजुट किया।

1905 में बंगाल विभाजन से लेकर हमारे वीर क्रांतिकारियों की अंतिम सांस तक, वंदे मातरम् पूरे देश में गूंजता रहा। यह लाला लाजपत राय के प्रकाशन का शीर्षक था, जर्मनी में फहराए गए भीकाजी कामा के झंडे पर अंकित था, और पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की क्रांति गीतांजलि में भी पाया जाता है। इसकी लोकप्रियता से भयभीत होकर, अंग्रेजों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया।

क्योंकि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की धड़कन बन गया था।" उनके अनुसार, 1915 में, महात्मा गांधी ने लिखा था कि वंदे मातरम "बंटवारे के दिनों में बंगाल के हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सबसे शक्तिशाली युद्धघोष बन गया था तथा यह एक साम्राज्यवाद-विरोधी नारा था।

खड़गे ने इस बात का उल्लेख किया कि 1938 में, पंडित नेहरू ने लिखा था, "पिछले 30 वर्षों से भी अधिक समय से, यह गीत सीधे तौर पर भारतीय राष्ट्रवाद से जुड़ा हुआ है। ऐसे 'जनता के गीत' किसी के मन पर थोपे नहीं जाते। ये अपने आप ही ऊंचाई प्राप्त कर लेते हैं।" उन्होंने कहा कि इसलिए 1937 में उत्तर प्रदेश विधानसभा ने वंदे मातरम् का गायन शुरू किया।

जब पुरुषोत्तम दास टंडन इसके अध्यक्ष थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "उसी वर्ष, पंडित नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, सुभाष चंद्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर और आचार्य नरेंद्र देव के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने औपचारिक रूप से वंदे मातरम् को राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता दी, जिससे भारत की विविधता में एकता के प्रतीक के रूप में इसकी स्थिति की पुष्टि हुई।"

खड़गे ने कटाक्ष करते हुए कहा, " यह बेहद विडंबनापूर्ण है कि जो लोग आज राष्ट्रवाद के स्वयंभू संरक्षक होने का दावा करते हैं यानी आरएसएस और भाजपा, उन्होंने अपनी शाखाओं या कार्यालयों में कभी वंदे मातरम या हमारा राष्ट्रगान जन गण मन नहीं गाया। इसके बजाय, वे "नमस्ते सदा वत्सले" गाते रहते हैं, जो राष्ट्र का नहीं, बल्कि उनके संगठनों का महिमामंडन करने वाला गीत है। "

उन्होंने दावा किया कि 1925 में अपनी स्थापना के बाद से, आरएसएस ने अपनी सार्वभौमिक श्रद्धा के बावजूद, वंदे मातरम से परहेज किया है तथा इसके ग्रंथों या साहित्य में एक बार भी इस गीत का उल्लेख नहीं मिलता। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "यह सर्वविदित तथ्य है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ परिवार ने राष्ट्रीय आंदोलन में भारतीयों के विरुद्ध अंग्रेजों का साथ दिया।

52 वर्षों तक राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया, भारत के संविधान का दुरुपयोग किया, बापू और बाबासाहेब आंबेडकर के पुतले जलाए और सरदार पटेल के शब्दों में, गांधी जी की हत्या में शामिल रहे।" उन्होंने कहा, "दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी वंदे मातरम् और जन गण मन, दोनों पर अत्यधिक गर्व करती है। दोनों गीत कांग्रेस की प्रत्येक सभा और आयोजन में श्रद्धा के साथ गाए जाते हैं।

जो भारत की एकता और गौरव का प्रतीक हैं।" खड़गे ने कहा कि आज तक कांग्रेस की हर बैठक में गर्व और देशभक्ति के साथ वंदे मातरम गाया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, "कांग्रेस पार्टी अपनी मातृभूमि के शाश्वत गीत, हमारी एकता के आह्वान और भारत की अमर आत्मा की आवाज, वंदे मातरम में अपने अटूट विश्वास की पुष्टि करती है।"

Web Title: National anthem 150 years Namaste Sada Vatsale sung but Vande Mataram Jana Gana Mana not in RSS shakhas BJP offices Congress President Mallikarjun Kharge attacks PM Modi

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