नरोदा पाटिया दंगा मामले में गुजरात हाई कोर्ट आज सुना सकता है फैसला, जानें बड़ी बातें
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 20, 2018 10:46 AM2018-04-20T10:46:58+5:302018-04-20T10:46:58+5:30
अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिये विशेष अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 28 फरवरी 2002 को हुए दंगे में 97 मुस्लिमों मारे गए थे।
अहमदाबाद, 19 अप्रैलः 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में दायर अपीलों पर गुजरात हाई कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुना सकता है। जस्टिस हर्षा देवानी और जस्टिस एएस सुपेहिया की पीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले साल अगस्त में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। 28 फरवरी 2002 को नरोदा पाटिया में हुए दंगे में 97 मुस्लिम मारे गए थे। अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिये विशेष अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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कोडनानी को 28 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। एक अन्य बहुचर्चित आरोपी बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सात अन्य को 21 साल के आजीवन कारावास और शेष अन्य को 14 साल के साधारण आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में 29 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। जहां दोषियों ने निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी, वहीं विशेष जांच दल ने 29 लोगों को बरी किये जाने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जजों ने नरोदा पाटिया के उस घटनास्थल का दौरा किया था जहां 28 फरवरी 2002 को नरसंहार में 97 मुस्लिमों की जान चली गई थी। इस बीच कई जजों ने अपील की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया जिसमें जस्टिस अकील कुरैशी, एमआर शाह, केएस झावेरी, जीबी शाह, सोनिया गोकनी और आरएस शुक्ला शामिल हैं।