हैदराबादः मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में 11 साल बाद आया फैसला, स्वामी असीमानंद समेत सभी आरोपी बरी
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 16, 2018 12:39 PM2018-04-16T12:39:56+5:302018-04-16T13:48:13+5:30
राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने विस्फोट से जुड़ी सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को निर्दोष पाया है। जानें क्या है पूरा मामला।
नई दिल्ली, 16 अप्रैलः हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने स्वामी असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में 11 साल जांच और सुनवाई के बाद एनआईए कोर्ट ने सभी आरोपियों को निर्दोष पाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 18 मई 2007 को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान विस्फोट हुआ। इस धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हुए थे।
इस मामले में दक्षिण पंथी संगठनों से ताल्लुक रखने वाले कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था। उनमें से सिर्फ पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया और ट्रायल का सामना करना पड़ा। इनके नाम हैं- देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद, भारत मोहनलाल रातेश्वर और राजेंद्र चौधरी। इनमें से दो आरोपियों स्वामी असीमानंद और भारत मोहनलाल रातेश्वर जमानत पर बाहर थे। वहीं तीन अन्य आरोपी हैदराबाद सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में बंद थे।
I had expected it. All the pieces of evidence were engineered, otherwise, there was no Hindu terror angle: RVS Mani, former Under Secretary, Ministry of Home Affairs on all accused in Mecca Masjid blast case acquitted pic.twitter.com/d8lDnqE5cG
— ANI (@ANI) April 16, 2018
क्या है मक्का मस्जिद विस्फोट मामला?
18 मई 2007 को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान विस्फोट हुआ। इस धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हुए थे। इस घटना को लेकर खूब हंगामा हुआ। लोग सड़कों पर निकल आए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़पें हुई। इसमें पांच और लोग मारे गए। इस मामले की 11 महीने तक जांच चली जिसमें 160 चश्मीदीद गवाहों के बयान दर्ज किए गए। एनआईए कोर्ट ने 16 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाया जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।