नरेंद्र मोदी की बढ़ी मुश्किलें, 'अग्निवीर' योजना को जेडीयू ने खड़ा किया कटघरे में, केसी त्यागी ने कहा- "इस योजना को लेकर एक वर्ग में गुस्सा है, होनी चाहिए समीक्षा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 7, 2024 07:56 AM2024-06-07T07:56:06+5:302024-06-07T08:03:38+5:30
केंद्र में नई एनडीए सरकार के गठन से पहले भाजपा के प्रमुख सहयोगी दल जेडीयू ने देश में जाति जनगणना के साथ-साथ और "विवादास्पद" रही सेना की अग्निवीर योजना को लेकर सवाल खड़ा किया है।
पटना:नरेंद्र मोदी के लिए आने वाले समय काफी परेशानी भरे हो सकते हैं। भाजपा का लोकसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े 272 को पार न कर पाना अब पूर्व में मोदी सरकार द्वारा किये गये फैसलों पर भारी पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
केंद्र में नई एनडीए सरकार के गठन से पहले भाजपा के प्रमुख सहयोगी दल जनता दल (यूनाइटेड) ने बीते गुरुवार को देश में जाति जनगणना के साथ-साथ और "विवादास्पद" रही सेना की अग्निवीर योजना को लेकर सवाल खड़ा किया है।
समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार जेडीयू ने मोदी सरकार के बहुचर्चित और विवादित योजनाओं में से एक सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निवीर योजना के समीक्षा की मांग का समर्थन किया है, जिसे विपक्षी गठबंधन इंडिया द्वारा जोरशोर से उठाया जा रहा है।
इसके साथ जेडीयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग को भी उठाया। लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने बिहार में 12 सीटें जीती हैं और एनडीए में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगूदेशम पार्टी के 16 सांसदों के बाद दूसरे नंबर पर है, जिनकी 240 सीटों पर सिमटी भाजपा को सख्त जरूरत है ताकि वो संसद में 272 के बहुमत के आंकड़े को साबित कर पाये।
अग्निवीर योजना के संबंध में जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता के सी त्यागी ने दिल्ली में कहा, "अग्निवीर योजना को लेकर मतदाताओं के एक वर्ग में गुस्सा है और हमारी पार्टी उन कमियों को दूर करना चाहती है।"
उन्होंने देश में जातीय जनगणना कराने की भी पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि किसी भी पार्टी ने इसका विरोध नहीं किया है।
केसी त्यागी ने कहा, “बिहार ने राज्य में जाति सर्वेक्षण करके देश को एक रास्ता दिखाया है और राज्य के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका विरोध नहीं किया। जाति जनगणना समय की मांग है और हम इसे आगे बढ़ाएंगे।”
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना के मुद्दे पर प्रमुखता से ध्यान केंद्रित किया था, जिसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाता है। उन्होंने कहा था, "हम सत्ता में आते ही अग्निवीर योजना को कूड़ेदान में फेंक देंगे।"
उन्होंने जाति जनगणना को "एक्स-रे" बताते हुए इसे इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर आयोजित करने की भी बात कही थी। भाजपा के एक नेता ने कहा कि सभी को आश्चर्य हुआ कि जेडीयू ने "किंगमेकर" के रूप में उभरने के बाद दोनों मुद्दों को उठाया है।
एनडीए के साझेदार जेडीयू और एलजेपी ने अग्निवीर योजना पर चिंता व्यक्त की, जिससे रोजगार सृजन पर चर्चा शुरू हो गई। जेडीयू ने समीक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया, जबकि एलजेपी ने युवाओं के लिए वांछित परिणाम सुनिश्चित करने के लिए मूल्यांकन का आह्वान किया।
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने अग्निवीर योजना और समान नागरिक संहिता के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए हितधारकों के साथ चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया। बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार के साथ पार्टी के म्यूजिक समाधान के लिए आगामी बैठक का जिक्र किया।