प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी के साथ होने वाली द्विपक्षीय बैठक बिश्केक में रद्द कर दी है। राष्ट्रपति हसन रोहानी और पीएम मोदी की मुलाकात बिश्केक में एससीओ बैठक से इतर होने वाली थी। सूत्रों के मुताबिक, उनकी यह मुलाकात समय के अभाव के कारण नहीं हो रही है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने जानकारी दी है, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी की किर्गिस्तान के बिश्केक में होने वाली बैठक को कैंसिल कर दिया गया है। वहां होने वाली अधिकारिक भोज में देरी के कारण दोनों नेताओं के शेड्यूल प्रभावित हुआ है।'
पीएम मोदी एससीओ समिट में अब तक चीन, रूस, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान के राष्ट्रपतियों से मुलाकात कर चुके हैं। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने, आतंकवाद के मुद्दों पर बात हो चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ सदस्यों के बीच व्यापक सहयोग का किया आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद से मुकाबले, अर्थव्यवस्था, वैकल्पिक ऊर्जा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने में एससीओ देशों के बीच व्यापक सहयोग का आह्वान करते हुए क्षेत्र में शांति और आर्थिक समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यापक सहयोग के लिए उन्होंने ‘हेल्थ’ शब्द पर जोर दिया । मोदी ने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण हमारे बीच स्वस्थ सहयोग को मजबूत करना है।
‘हेल्थ’ शब्द का इस्तेमाल कर हम सहयोग के लिए अच्छा आदर्श बना सकते हैं।’’ मोदी ने ‘हेल्थ’ शब्द को विस्तार से बताया, ‘‘एच से हेल्थकेयर को-ऑपरेशन(स्वास्थ्य सुविधा सहयोग), ई से इकनॉमी को-ऑपरेशन (अर्थव्यवस्था सहयोग), ए से अल्टरनेट एनर्जी (वैकल्पिक ऊर्जा), एल से लेंग्वेज एंड लिटरेचर (साहित्य और संस्कृति), टी से टेररिज्म फ्री सोसाइटी (आतंकवाद मुक्त समाज) और एच से हयूमनिटेरियन कोऑपरेशन (मानवीय सहयोग)।’’ उन्होंने कहा कि एससीओ क्षेत्र और भारत का इतिहास, सभ्यता और संस्कृति हजारों वर्षों से आपस में जुड़ा रहा है।