पानी बचाने के लिए सिंचाई की तकनीक में बदलाव लाएगा केंद्र, 142 लाख हेक्टेयर खेतों में ड्रिप पद्धति से होगी सिंचाई

By नितिन अग्रवाल | Published: September 3, 2020 06:58 AM2020-09-03T06:58:25+5:302020-09-03T07:00:14+5:30

सिंचाई तकनीक में इस बदलाव के तहत 142 लाख हेक्टेयर खेतों में ड्रिप पद्धित से सिंचाई की होगी। इससे 50 प्रतिशत कम पानी में 40 प्रतिशत तक अधिक पैदावार की संभावना है।

Narendra Modi govt to change irrigation to save water, drip method for 142 lakh hectare fields | पानी बचाने के लिए सिंचाई की तकनीक में बदलाव लाएगा केंद्र, 142 लाख हेक्टेयर खेतों में ड्रिप पद्धति से होगी सिंचाई

सिंचाई की तकनीक में बदलाव लाने की तैयारी में सरकार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsकम पानी में अधिक पैदावार की योजना पर काम कर रही है केंद्र सरकार अगले पांच सालों में माइक्रो इरीगेशन तकनीक से 142 लाख हेक्टेयर खेतों में सिंचाई कराने की योजना

भूजल स्तर में तेजी से गिरावट को रोकने के लिए सरकार कम पानी में अधिक पैदावार की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सरकार ने अगले पांच सालों में माइक्रो इरीगेशन तकनीक से 142 लाख हेक्टेयर खेतों में सिंचाई कराने की योजना बनाई है.

जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर बूंद अधिक उपज (मोर क्रॉप फॉर एवरी ड्रॉप) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खेतों में ड्रिप और स्प्रिंकल तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार की योजना अगले पांच साल में 100 लाख हेक्टेयर खेतों में सिंचाई के लिए माइक्रो इरीगेशन तकनीक इस्तेमाल करने की है.

अभी 42 लाख हेक्टेयर खेतों में माइक्रो इरीगेशन तकनीक

हालांकि पिछले पांच सालों से 42 लाख हेक्टेयर खेतों में माइक्रो इरीगेशन तकनीक से सिंचाई की जा रही है.राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल को भेजी ताजा रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष में 1.14 लाख हेक्टेयर खेती में माइक्रो सिंचाई तकनीक के विस्तार का लक्ष्य रखा गया था.

इसके लिए केंद्र सरकार ने 240 करोड़ तथा राज्यों की ओर से 250 करोड़ रु पए के बजटीय प्रावधान किए गए थे. राज्यों के बजट में से इसमें से 289.10 करोड़ और केंद्र के बजट में से 204.25 करोड़ रुपए के खर्च से जिसमें से लगभग 99 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य हासिल कर लिया गया था.

मुख्य रूप से पानी की ज्यादा खपत वाली गन्ना, केला और कपास जैसी फसलों में माइक्रो सिंचाई तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है.किसानों को प्रशिक्षण और सब्सिडीमंत्रालय के अनुसार पानी बचाने वाली सिंचाई तकनीकों के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

कम पानी में ज्यादा पैदावार

छोटे और सीमांत किसानों को सरकार की ओर से 55 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जा रही है, जिसके लिए राज्यस्तरीय समिति द्वारा मंजूरी दी जाती है. मंत्रालय ने ट्रिब्यूनल को बताया कि देशभर में 160 कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए भी किसानों को बेहतर खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रिप और स्प्रिंकल सिंचाई तकनीक से पानी का ज्यादा कारगर उपयोग होता है. इससे 50 प्रतिशत तक पानी की बचत होने के साथ साथ पैदावार में भी चालीस प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होती है. योजना केलिए देशभर में 300 जिलों को चुना गया है. हर जिले में 150 किसानों को इसका लाभ दिया जा रहा है.

Web Title: Narendra Modi govt to change irrigation to save water, drip method for 142 lakh hectare fields

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