मोदी सरकार ने मंत्रिमंडल बैठक में सरोगेसी बिल को दी मंजूरी, प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल किया
By अनुराग आनंद | Published: February 26, 2020 04:17 PM2020-02-26T16:17:54+5:302020-02-26T16:21:03+5:30
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपने फैसले में कहा "संसद में पारित हो जाने एवं इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद केंद्र सरकार इस अधिनियम पर अमल की तिथि को अधिसूचित करेगी। इसके बाद राष्ट्रीय बोर्ड का गठन किया जाएगा।"
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'सहायक प्रजनन तकनीक नियमन विधेयक 2020' को पिछले दिनों मंजूरी दे दी है। इसमें राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल नहीं किया गया था। बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए सरोगेसी नियमन विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी दी है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक को दी मंजूरी
इस विधायी उपाय को महिलाओं के प्रजनन अधिकारों के संरक्षण के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'सहायक प्रजनन तकनीक नियमन विधेयक 2020' को मंजूरी प्रदान की। संसद में 'सरोगेसी नियमन विधेयक 2020' को पेश करने और 'चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020' को मंजूरी देने के बाद सरकार ने महिलाओं के हक में यह एक अहम कदम उठाया गया है।
मंत्रिमंडल के मुताबिक, इस कानून का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह देश में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी सेवाओं का विस्तार करेगा। इसलिए यह कानून बांझ दंपतियों में सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) के तहत नैतिक तौर-तरीकों को अपनाए जाने के संबंध में कहीं अधिक भरोसा पैदा करेगा।
विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद केंद्र सरकार इस अधिनियम पर लागू करने की तिथि को जारी करेगी-
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपने फैसले में कहा "संसद में पारित हो जाने एवं इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद केंद्र सरकार इस अधिनियम पर अमल की तिथि को अधिसूचित करेगी। इसके बाद राष्ट्रीय बोर्ड का गठन किया जाएगा।"
राष्ट्रीय बोर्ड भौतिक अवसंरचना, प्रयोगशाला एवं नैदानिक उपकरणों तथा क्लिनिकों एवं बैंकों में रखे जाने वाले विशेषज्ञों के लिए न्यूनतम मानक तय करने के लिए आचार संहिता निर्धारित करेगा। इसका अनुपालन क्लिनिक में काम करने वाले लोगों को करना होगा। केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के तीन महीने के भीतर राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश इसके लिए राज्य बोर्ड और राज्य प्राधिकरणों का गठन करेंगे।
राज्य बोर्ड पर संबंधित राज्य में क्लीनिकों एवं बैंकों के लिए राष्ट्रीय बोर्ड द्वारा निर्धारित नी