Happy Birthday Narendra Modi: संन्यासी बनना चाहते थे युवा नरेंद्र मोदी, लेकिन इस गुरु की एक डांट ने बदल दी ज़िंदगी!

By स्वाति सिंह | Published: September 17, 2018 07:44 AM2018-09-17T07:44:47+5:302018-09-17T08:01:32+5:30

Narendra Modi Birthday: साल 1966 में बेलूर मठ के स्वामी आत्मास्थानंद राजकोट के रामकृष्ण आश्रम आए थे। उन दिनों युवा मोदी स्वामी विवेकानंद के जीवन से काफी प्रभावित थे। तब मोदी स्वामी आत्मास्थानंद से मिलने के लिए उनके आश्रम आए थे।

Narendra Modi Birthday: Swami Atmasthananda, the monk who adviced PM Modi to take politics | Happy Birthday Narendra Modi: संन्यासी बनना चाहते थे युवा नरेंद्र मोदी, लेकिन इस गुरु की एक डांट ने बदल दी ज़िंदगी!

Narendra Modi Birthday: Swami Atmasthananda advised Narendra Modi to choose politics

नई दिल्ली, 17 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से कौन वाकिफ नहीं हैं, लेकिन यह बहुत कम लोग जानते होंगे की पीएम मोदी इस चकाचौंध भरी जिंदगी में आना ही नहीं चाहते थे। पीएम मोदी समान्य जीवन त्याग कर संन्यासी बनना चाहते थे।

लेकिन उनकी जिंदगी में एक गुरु का आगमन हुआ और फिर रास्ता बदल गया। साल 1966 में बेलूर मठ के स्वामी आत्मास्थानंद राजकोट के रामकृष्ण आश्रम आए थे। उन दिनों युवा मोदी स्वामी विवेकानंद के जीवन से काफी प्रभावित थे। तब मोदी स्वामी आत्मास्थानंद मिलने के लिए उनके आश्रम पहुंचे।

बताया जाता है कि मोदी ने इससे पहले कुछ साल अाध्यात्म सीखने में बिताए थे। यहां जब वह कुछ समय तक स्वामी के साथ रहे संन्यासी बनने की अपनी इच्छा जाहिर की। लेकिन तब स्वामी ने मोदी से कहा था कि संन्यास लेने के लिए नहीं बने। स्वामी ने यह भी कहा कि राजकोट आश्रम संन्यासी बनने की दीक्षा नहीं देता।

इसके लिए स्वामी ने मोदी से कहा कि अगर वह सचमुच संन्यासी बनना चाहते हैं तो उन्हें बेलूर मठ जाना होगा। तबस्वामी आत्मास्थानंद ने बेलूर मठ के मौजूदा मठाधीश माधवानंद को इस मामले में चिठ्ठी लिखी।  

स्वामी माधवानंद ने भी मोदी की इस अर्जी को खारिज कर दिया। स्वामी ने मोदी से कहा कि वह जनता की सेवा के लिए बने हैं ना कि संन्यास लेने के लिए। इसके बाद मोदी अपने गुरु स्वामी आत्मास्थानंद के साथ वापस राजकोट लौट आए।

वापस आने के बाद मोदी ने आरएसएस की सदस्यता ले ली। इसके कुछ समय बाद वह राजनीति में उतरे, और अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कई बार पीएम मोदी अपने अध्यात्मिक गुरु स्वामी आत्मास्थानंद से मिले। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी उनसे मिलते रहे। यह भी कहा जाता है कि जब पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ उस वक्त उनकी पॉकेट में एक फूल था।

उस फूल को स्वामी ने प्रसाद के तौर पर एक चिट्ठी के साथ भेजा था। माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजनीति में जाने के लिए उन्होंने ही प्रोत्साहित किया था।

पीएम मोदी के गुरु आत्मास्थानंद महाराज का 18 जून 2017 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उस वक्त वह 99 वर्ष के थे।  उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जाहिर किया था। उन्होंने इसे व्यक्तिगत क्षति बताया था।

English summary :
Prime Minister Narendra Modi, who is one of the most popular PM of India and is a global leader, but few people would have known that PM Modi did not want life. Instead, PM Modi wanted to become a monk. But in PM Narendra Modi's life a guru came and then the path changed. In the year 1966, Swami Atmasthananda, president of the Belur-headquartered Ramakrishna Math and Mission, adviced PM Modi to take politics which changed his life. In those days young Modi was very much influenced by the life of Swami Vivekananda.


Web Title: Narendra Modi Birthday: Swami Atmasthananda, the monk who adviced PM Modi to take politics

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