लाइव न्यूज़ :

नरेन्द्र मोदी और जेटली ने आंकड़ों में की हेराफेरी, जीडीपी की फर्जी ग्रोथ दिखाई: पी चिदम्बरम

By शीलेष शर्मा | Updated: May 8, 2019 22:32 IST

पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अधिकारियों की भूमिका सरकार के इशारे पर तय हुई थी. 

Open in App
ठळक मुद्देपी. चिदंबरम ने आंकड़े पेश करते हुए साफ किया कि किस तरह अर्थव्यवस्था की वास्तविकता को छुपाया गया.बेरोजगारी  45 वर्षो में अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर है केवल 2018 में 1.1 करोड़ नौकरियां छिनी गई.

दुनिया के सामने जीडीपी में तेज रफ्तार और दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का दावा करने वाली मोदी सरकार का पर्दाफाश हो गया है.

प्राप्त तथ्यों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आंकड़ों में हेरा-फेरी कर अर्थव्यवस्था की विकास दर को फर्जी ढंग से पेश किया यह खुलासा एनएसएसओ की ताजा रिपोर्ट आने के बाद हुआ है. 

दरअसल इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन कंपनियों के दम पर जीडीपी में तेजी से बढ़त का दावा किया गया था उनमें से 36 फीसदी कंपनियां वजूद में ही नहीं है. 

कांग्रेस ने आज इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए कि आंकड़े की चोरी किस तरह की गयी तथा आंकड़ों की चोरी में जेटली और मोदी की क्या भूमिका थी.

पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अधिकारियों की भूमिका सरकार के इशारे पर तय हुई थी. 

गौरतलब है कि इन आंकड़ों में हेराफेरी को लेकर ही पिछले दिनों राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो महत्वपूर्ण अधिकारियों ने अपने पदों से त्यागपत्र दिया था. इनमें आयोग के अध्यक्ष पी.सी.मोहन और मीनाक्षी के नाम शामिल है. 

पी. चिदंबरम ने आंकड़े पेश करते हुए साफ किया कि किस तरह अर्थव्यवस्था की वास्तविकता को छुपाया गया, जीडीपी की वास्तविक दर 18-19 में 7 फीसदी तक जा पहुंची, राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.9 फीसदी से ज्यादा होने का अनुमान है.

जबकि कर राजस्व में 1.6 लाख करोड़ की गिरावट दर्ज हुई है. निवेश और बचत दोनों ही क्षेत्रों में आशा के विपरीत गिरावट देखी जा रही है. बेरोजगारी  45 वर्षो में अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर है केवल 2018 में 1.1 करोड़ नौकरियां छिनी गई. नोटबंदी और जीएसटी के कारण बेरोजगारी चरम पर जा पहुंची. 

2004 से 2013 के बीच कृषि विकास दर 3.84 फीसदी प्रति वर्ष थी जो 2014 और 2018 में जब मोदी की सरकार बनी घटकर 1.88 फीसदी पर पहुंच गई. 

चिदंबरम ने ऐसे ही आंकड़े उपभोक्ताओं के उपयोग में आने वाली वस्तुओं में देखी गयी गिरावट, निवेश, बैंकिंग क्षेत्र का संकट और बाहरी चुनौतियों के आंकड़े भी पेश किये. उन्होंने कहा कि यह बड़ा घोटाला है और इसकी जांच होगी.

टॅग्स :नरेंद्र मोदीअरुण जेटलीपी चिदंबरमसकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारत अधिक खबरें

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल