नरेंद्र मोदी ने सांसदों को दी 'छपास' और 'दिखास' से बचने की सलाह, कहा- वीआईपी कल्चर से देश को नफरत है

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: May 25, 2019 07:38 PM2019-05-25T19:38:02+5:302019-05-25T21:00:43+5:30

पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपनी पार्टी के बड़बोले नेताओं को पहले ही सलाह दे दी है। उन्होंने कहा कि मैं उन सांसदों से कहता हूं कि इन 5 वर्षों में कुछ भी फालतू बोलने से बचें क्योंकि जनता अब माफ नहीं करेगी।

Narendra Modi after becoming leader of the parliamentary party talks about moral values | नरेंद्र मोदी ने सांसदों को दी 'छपास' और 'दिखास' से बचने की सलाह, कहा- वीआईपी कल्चर से देश को नफरत है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

Highlightsपीएम मोदी ने कहा, ''वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है। हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते''उन्होंने कहा, ''2014 से 2019 तक हमने गरीबों के लिए सरकार चलाई और आज मैं बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं कि ये सरकार देश के गरीबों ने बनाई है।''

17वीं लोकसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का  संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपनी पार्टी के बड़बोले नेताओं को पहले ही सलाह दे दी है। उन्होंने कहा कि मैं उन सांसदों से कहता हूं कि इन 5 वर्षों में कुछ भी फालतू बोलने से बचें क्योंकि जनता अब माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मीडिया में कुछ लोग ऐसे हैं जो 70 साल उनके द्वारा पाले गए हैं। पीएम इशारों-इशारों में कांग्रेस समर्थित मीडिया की बात कर रहे थे। 

उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी का उल्लेख करते हुए कहा कि 'छपास' और 'दिखास' से बचने की सलाह उन्होंने हमेशी दी है जिसका आप सभी सांसदों को अनुकरण करना चाहिए। नरेन्द्र मोदी ने इस दौरान कहा कि हमें इस बार बड़ी जिम्मेवारी मिली है इसलिए हमें फालतू के बोल-वचन से बचना होगा। 

उन्होंने इस दौरान मीडिया पर भी निशाना साधा और कहा कि मीडिया भी ऐसे नेताओं के घर के बाहर जानबूझकर खड़ी रहती है। 

पीएम मोदी ने कहा, ''इस देश में बहुत ऐसे नरेन्द्र मोदी पैदा हो गए हैं, जिन्होंने मंत्रिमंडल बना दिया है। जो भी जीतकर आए हैं, सब मेरे हैं। सरकार और कोई बनाने वाला नहीं है, जिसकी जिम्मेवारी है वही बनाने वाले हैं। अखबार के पन्नों से न मंत्री बनते हैं, न मंत्रिपद जाते हैं।

वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है। हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते। 

मैं चाहता हूं कि हमें जनता को ध्यान में रखकर खुद को बदलना चाहिए।

लाल बत्ती हटाने से कोई आर्थिक फायदा नहीं हुए, जनता के बीच अच्छा मैसेज गया है।

2014 से 2019 तक हमने गरीबों के लिए सरकार चलाई और आज मैं बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं कि ये सरकार देश के गरीबों ने बनाई है।

2014 में मैंने कहा था कि मेरी सरकार देश के दलितों, गरीबों, पीड़ितों, वंचितों, आदिवासियों को समर्पित है। 

आज फिर मैं कहना चाहता हूं कि 5 साल में हमने उस बात से अपने को ओझल नहीं होने दिया।

देश में गरीब एक राजनीतिक संवाद-विवाद का विषय रहा, एक फैशन का हिस्सा बन गया, भ्रमजाल में रहा।

पांच साल के कार्यकाल में हम कह सकते हैं कि हमने गरीबों के साथ जो छल चल रहा था, 

उस छल में हमने छेद किया है और सीधे गरीब के पास पहुंचे हैं।

देश पर इस गरीबी का जो टैग लगा है, उससे देश को मुक्त करना है।

गरीबों के हक के लिए हमें जीना-जूझना है, अपना जीवन खपाना है।

गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश की माइनॉरिटी के साथ हुआ है।

दुर्भाग्य से देश की माइनॉरिटी को उस छलावे में ऐसा भ्रमित और भयभीत रख गया है,

 उससे अच्छा होता कि माइनॉरिटी की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती।

2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है। हमें विश्वास जीतना है।

संविधान को साक्षी मानकर हम संकल्प लें कि देश के सभी वर्गों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।

पंथ-जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

हम सबको मिलकर 21वीं सदी में हिंदुस्तान को ऊंचाइयों पर ले जाना है।

सबका साथ, सबका विकास और अब सबका विश्वास ये हमारा मंत्र है।''

Web Title: Narendra Modi after becoming leader of the parliamentary party talks about moral values