नारायण राणे को कोर्ट ने उद्धव ठाकरे को 'करारा तमाचा' मारने वाले बयान पर दर्ज हुए केस से किया बरी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 2, 2023 11:25 AM2023-04-02T11:25:24+5:302023-04-02T11:30:03+5:30
साल 2021 में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 'करारा तमाचा' मारने वाले बयान के खिलाफ दर्ज किये गये केस से केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को रायगढ़-अलीबाग के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बरी कर दिया है।
रायगढ़: केद्रीय मंत्री नारायण राणे को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की मजिस्ट्रेट अदालत ने साल 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ की गई बेहद अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में दर्ज किये गये केस से बरी कर दिया है। भाजपा नेता नारायण राणे ने 2021 में कहा था, "यह बेहद शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री (तत्कालीन) उद्धव ठाकरे को आजादी का साल नहीं पता है। वह अपने भाषण के दौरान आजादी के साल की गिनती पूछने के लिए पीछे झुक गए। अगर मैं वहां होता तो उन्हें (उद्धव ठाकरे) करारा तमाचा मारता।"
तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ राणे के दिये इस अभद्र बयान के खिलाफ रायगढ़ के महाड में भारतीय दंड संहिता की धारा 189 (लोक सेवक को चोट पहुंचाने का खतरा), 504 (सार्वजनिक शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान) और 505 (सार्वजनिक शरारत के अनुकूल बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद नारायण राणे को रत्नागिरी जिले से गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन बाद में उन्हें अदालत ने जमानत दे दी थी। इसी मामले में शनिवार को रायगढ़-अलीबाग के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एस डब्ल्यू उगाले ने भाजपा नेता नारायण राणे को बरी कर दिया है।
राणे की ओर से कोर्ट में दलील पेश करते हुए उनके वकील सतीश मानशिंदे ने कहा, "राणे ने कथित तौर पर (तत्कालीन) मुख्यमंत्री के आचरण पर बयान दिया था। उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय या किसी भी आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दे रहा हो।"
इसके अलावा मानशिंदे ने यह भी कहा कि नारायण राणे के कथित बयान का मामला केवल राजनीति से प्रेरित था। इसलिए कानून की दृष्टि से यह कहीं नहीं ठहरता है। राणे द्वारा उद्धव के खिलाफ की गई उस विवादित टिप्पणी को लेकर पूरे महाराष्ट्र में कुल चार प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने दावा किया था कि साल 2021 में महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 15 अगस्त के संबोधन में आजादी का साल भूल गए थे। राणे ने तमाचा वाली टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने ऐसा कहकर कोई अपराध नहीं किया है।