नागपुरःअब तो पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार का भी फर्जी प्रोफाइल बन गया, साइबर सेल भी हरकत में
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 22, 2021 08:46 PM2021-01-22T20:46:14+5:302021-01-22T20:47:20+5:30
नागपुर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के नाम से भी फर्जी प्रोफाइल बना दी गई है. यह बात उजागर होते ही अब पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. मामला सीपी से जुड़ा होने की वजह से साइबर सेल भी हरकत में आ गया है.
नागपुर: शहर के न जाने कितने ही लोगों को अब तक साइबर अपराधियों ने अपना निशाना बनाते हुए उनके फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाए हैं.
लेकिन साइबर सेल द्वारा उचित कार्रवाई नहीं होने से अब उनके हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि नागपुर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के नाम से भी फर्जी प्रोफाइल बना दी गई है. यह बात उजागर होते ही अब पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. मामला सीपी से जुड़ा होने की वजह से साइबर सेल भी हरकत में आ गया है.
उम्मीद की जा रही है कि अब शायद इन अपराधियों पर कार्रवाई हो जाए. मामला यूं है कि नागपुर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के नाम से फेसबुक पर एक अकाउंट है. इसी नाम से मिलता-जुलता एक फर्जी अकाउंट अज्ञात व्यक्ति ने बनाया और फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने लगा.
कई लोगों ने इसे स्वीकार भी कर लिया. लेकिन जब किसी को इसके फर्जी होने पर शक हुआ तो उसने तुरंत बुधवार की शाम अमितेश कुमार को इसकी जानकारी दी. जब उन्होंने इस अकाउंट को जांचा तो समझ गए कि ये फर्जी है. इसके बाद उन्होंने इस मामले में साइबर सेल को जानकारी दी.
अब तक की जांच में यह पता चला है कि पुलिस कमिश्नर के फर्जी फेसबुक अकाउंट से 30 से 35 लोगों को फ्रेेंड रिक्वेस्ट भेजी जा चुकी है. हालांकि अब तक इस फर्जी प्रोफाइल बनाने वाले ने कोई मांग किसी से नहीं की है. जैसा कि इससे पहले नागपुर शहर के अन्य फर्जी प्रोफाइल बनाने वालों ने की थी. बता दें कि शहर के पत्रकार सहित कुछ गणमान्य व्यक्तियों के फर्जी अकाउंट बनाकर उनके परिचितों से रुपए मांगे जाने के कई मामले उजागर हो चुके हैं.
हालांकि अब तक किसी भी मामले में साइबर सेल कुछ नहीं कर सका है. लेकिन इस बार मामला पुलिस कमिश्नर की फर्जी प्रोफाइल बनाने का होने की वजह से उम्मीद की जा रही है कि अपराधियों तक साइबर सेल पहुंचने के लिए हलचल जरूर करेगा. इस मामले में पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार से पूछने पर उन्होंने कहा कि साइबर सेल को इसकी जानकारी दे दी है. इस मामले में लिप्त आरोपी का पता लगाया जा रहा है.