नागपुर महानगरपालिकाः दयाशंकर तिवारी चुने गए 54वें मेयर, मनीषा धावड़े उपमहापौर, दोनों को मिले 107 मत, कांग्रेस-बसपा को झटका

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 5, 2021 09:04 PM2021-01-05T21:04:45+5:302021-01-05T21:06:07+5:30

Nagpur Municipal Corporation: भाजपा उम्मीदवार दयाशंकर तिवारी मंगलवार को नागपुर नगर निगम के मेयर चुने गए. पूर्व मेयर संदीप जोशी ने पिछले महीने पद से इस्तीफा दे दिया था और उन्होंने बचे हुए 13 महीने के कार्यकाल के लिए भाजपा के वरिष्ठ निगम पार्षद तिवारी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था.

Nagpur Municipal Corporation Dayashankar Tiwari elected 54th mayor Manisha Dhavade both got 107 votes Congress-BSP | नागपुर महानगरपालिकाः दयाशंकर तिवारी चुने गए 54वें मेयर, मनीषा धावड़े उपमहापौर, दोनों को मिले 107 मत, कांग्रेस-बसपा को झटका

आम सभा की मंगलवार को आयोजित विशेष बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मतदान हुआ. (file photo)

Highlightsभाजपा ने शेष 26 महीने के कार्यकाल को जोशी और तिवारी के बीच आधा-आधा बांट दिया था.जोशी 19 नवंबर, 2019 को मेयर बने थे, नागपुर नगर निगम में फिलहाल भाजपा के पास 107 सीटें हैं.नगर निगम में कुल सीटों की संख्या 151 है.

नागपुरः नागपुर महानगरपालिका के 54वें महापौर के तौर पर दयाशंकर तिवारी चुने गए जबकि 56 वीं उपमहापौर मनीषा धावड़े बनीं.

मंगलवार को मनपा मुख्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन चुनाव प्रक्रिया पूरी हुई. इस दौरान तिवारी व धावड़े को भाजपा के सभी 107 पार्षदों के मत मिले. हालांकि संख्याबल नहीं होने के बाद भी कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे.

कांग्रेस के महापौर पद के उम्मीदवार रमेश पुणेकर को 27, उपमहापौर पद की उम्मीदवार रश्मि धुर्वे को 26 व बसपा के महापौर पद के उम्मीदवार नरेंद्र वालदे को 10 व उपमहापौर पद की उम्मीदवार वैशाली नारनवरे को 10 मत मिले. तिवारी ने पुणेकर को 80 और धावड़े ने धुर्वे को 81 मतों से पराजित किया.

पीठासीन अधिकारी व जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे ने तिवारी व धावड़े को विजयी घोषित किया. भाजपा व कांग्रेस के एक-एक पार्षद अपात्र घोषित हो चुके हैं. मनपा इतिहास में पहली बार ऑनलाइन पद्धति से चुनाव प्रक्रिया पूरी कराई गई.

ऑनलाइन प्रक्रिया होने की वजह से सत्तापक्ष की चिंताएं बढ़ गई थीं. इसी वजह से भाजपा के सभी पार्षदों को मनपा मुख्यालय में ही बुलाया गया था. चुनाव प्रक्रिया में सभी ने हिस्सा लिया.चुनाव के पहले कांग्रेस के मनोज गावंडे व शिवसेना की मंगला गवरे ने अपना आवेदन वापस ले लिया.

महापौर संदीप जोशी और उपमहापौर मनीषा कोठे के इस्तीफे के बाद दोनों पद खाली हो गए थे

महापौर संदीप जोशी और उपमहापौर मनीषा कोठे के इस्तीफे के बाद दोनों पद खाली हो गए थे. आज सुबह 11 बजे पीठासीन अधिकारी रवींद्र ठाकरे की मौजूदगी में मतदान प्रक्रिया शुरू हुई. महापौर पद के लिए जोन आधार पर मतदान प्रक्रिया शुरू हुई. वीडियो कांफ्रेंसिंग पर निगम सचिव ने सदस्यों के नाम पुकार कर वोटिंग प्रक्रिया पूरी कराई.

पार्षदों ने हाथ ऊपर कर चुनाव में हिस्सा लिया. ये रहे अनुपस्थित महापौर पद के चुनाव के दौरान पांच पार्षद अनुपस्थित रहे. इसमें शिवसेना के किशोर कुमेरिया, निर्दलीय आभा पांडे, कांग्रेस के बंटी शेलके, गार्गी चोपड़ा, पुरुषोत्तम हजारे का समावेश था. उपमहापौर पद के चुनाव के दौरान शिवसेना के किशोर कुमेरिया, निर्दलीय आभा पांडे, कांग्रेस के बंटी शेलके, गार्गी चोपड़ा, पुरुषोत्तम हजारे, कमलेश चौधरी अनुपस्थित रहे. तिवारी चौथी बार बने पार्षद इतिहास से एमए की पढ़ाई कर चुके महापौर तिवारी बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के तौर पर सक्रिय रहे.

वर्ष 1988 से 1991 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे. 1997-2002 में गांधीबाग वार्ड, 2002-2007 में बजरिया प्रभाग से, 2012-17 में गांधीबाग प्रभाग से पार्षद रहे. वर्तमान में प्रभाग-19 से पार्षद हैं. खेलकूद व शैक्षणिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं.

उपमहापौर मनीषा धावड़े पहली बार प्रभाग 23 से पार्षद चुनी गईं. 9 वें हिंदी भाषी महापौर तिवारी नौवें हिंदी भाषी महापौर बने. इसके पहले लाला जयनारायण, पन्नालाल देशराज, मदनगोपाल अग्रवाल, रिखबचंद शर्मा, ए.ए. अंतिक, वल्लभदास डागा, अटलबहादुर सिंह, कल्पना पांडे महापौर रहीं. देशराज वर्ष 1957-58 और 1960-62 में दो बार महापौर रहे.

भाजपा की एकजुटता की जीत: तिवारी जीत के बाद दयाशंकर तिवारी ने कहा कि यह कहा जाता है कि मनपा में विवाद है लेकिन भाजपा के सभी 107 पार्षद एकमत हैं. यह चुनाव के परिणाम से साफ हो जाता है. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने की जरूरत है. कार्यकाल के दौरान इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

ऑनलाइन चुनाव पर तिवारी ने कहा कि विधानसभा अधिवेशन, पिंपरी चिंचवड़ में उपमहापौर चुनाव ऑफ लाइन हो सकता है तो नागपुर में भी महापौर-उपमहापौर चुनाव ऑफलाइन हो सकता था. लेकिन सरकार की दोहरी नीति गलत है. तकनीकी अड़चन पार्षद मोबाइल व लैपटॉप के माध्यम से चुनाव में शामिल हुए. कई सदस्यों के आवाज नहीं आ रहे थे.

सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव ने नाराजगी जताई

इस पर सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव ने नाराजगी जताई. चुनाव प्रक्रिया के दौरान 11.30 बजे तकनीकी अड़चन आई, जिसे सुधारा गया. दोपहर 12.30 बजे भी तकलीफ हुई. जोनवार वोटिंग एक साथ सभी पार्षद चुनाव में शामिल होते तो अड़चन आती, इसी वजह से रवींद्र ठाकरे ने जोन आधार पर ऑनलाइन वोटिंग कराई.

भीड़ हटाने के लिए पहुंची पुलिस कोविड संकट होने के बावजूद स्थायी समिति सभागृह के सामने भारी भीड़ जुटी. सुरक्षित दूरी का भाजपा कार्यकर्ता पालन नहीं कर रहे थे. कइयों ने मास्क भी नहीं लगा रखे थे. खर्रा खाकर जहां-तहां थूक रहे थे.

बेलगाम भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा. अंत में निवर्तमान संदीप जोशी व निवर्तमान उपमहापौर मनीषा कोठे, विजय झलके आदि ने तिवारी-धावडे़ का अभिनंदन किया. उसके बाद संविधान चौक पर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए तिवारी पहुंचे. इस दौरान भारी भीड़ थी, जिससे ट्रैफिक में अड़चन आई.

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