नागपुर-मुंबई हाईस्पीड बुलेट रेल कॉरिडोरः 766 किमी, प्रति KM 232 करोड़ रुपए होंगे खर्च, एसी कोच की तुलना में डेढ़ गुना अधिक किराया, जानें खायिसत
By आनंद शर्मा | Published: May 17, 2022 03:10 PM2022-05-17T15:10:54+5:302022-05-17T15:12:00+5:30
Nagpur-Mumbai High Speed Bullet Rail Corridor: आम बजट में घोषणा होकर नागपुर-मुंबई हाईस्पीड बुलेट रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट का जमीनी स्तर पर काम शुरू हो सकेगा.
नागपुर: नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) ने नागपुर-मुंबई हाईस्पीड बुलेट रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए विस्तृत प्रकल्प रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर इसे मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड के पास भेज दिया है.
रेलवे बोर्ड अब बारीकी से डीपीआर का अध्ययन कर रहा है. रेलवे बोर्ड यदि कोई सुधार करने को कहता है तो डीपीआर को पुन: एनएचआरसीएल के पास भेजा जाएगा. वहीं, यदि रेलवे बोर्ड डीपीआर को मंजूर करता है तो केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी मंजूरी लेनी होगी. इसके बाद आम बजट में घोषणा होकर नागपुर-मुंबई हाईस्पीड बुलेट रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट का जमीनी स्तर पर काम शुरू हो सकेगा.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एनएचआरसीएल द्वारा तैयार डीपीआर में 766 किमी लंबाई के नागपुर-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में प्रति किमी 232 करोड़ रुपए का खर्च अपेक्षित है. यात्री किराया भले ही अभी तय नहीं हुआ है लेकिन भारतीय रेलवे के एसी-1 कोच की तुलना में बुलेट ट्रेन का यात्री किराया डेढ़ गुना अधिक हो सकता है.
यह बुलेट 10 जिलों से गुजरेगी जोकि मुंबई से नागपुर, वर्धा, खापरी डिपो, पुलगांव, मालेगांव जहांगीर, जालना, कारंजा लाड, मेहकर, शिर्डी, नाशिक, औरंगाबाद, ईगतपुरी, शाहपुर को जोड़ेगी. मुंबई से नागपुर तक का सफर महज 3.5 घंटे में तय हो जाएगा. जबकि अभी सड़क मार्ग से मुंबई से नागपुर जाने में 12 घंटे से अधिक समय लगता है.
यह बुलेट ट्रेन कॉरिडोर समृद्धि महामार्ग, राष्ट्रीय महामार्ग व अन्य मार्गों के समानांतर होगा. गौरतलब है कि वर्ष 2019 में प्रस्तावित देश के 6 नए हाईस्पीड बुलेट रेल कॉरिडोर में नागपुर-मुंबई हाईस्पीड बुलेट रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट भी शामिल है. इसे साकार करने की जिम्मेदारी नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दी गई है.
एनआरएचसीएल ने प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनाने की दृष्टि से बीते दो सालों में मुंबई से नागपुर तक एरियल (लीडार) सर्वे, राइडरशिप सर्वे, एन्यरोन्मेंटल इम्पैक्ट सर्वे और सोशल इम्पैक्ट सर्वे किए हैं. इसके बाद अब डीपीआर बनकर इसे मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड के पास भेजा गया है.
रेलवे बोर्ड कर रहा डीपीआर की स्टडी
‘नागपुर-मुंबई हाईस्पीड बुलेट रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए एरियल, राइडरशिप, एन्यरोन्मेंटल इम्पैक्ट एवं सोशल इम्पैक्ट सर्वे करने के बाद डाटा का विश्लेषण कर डीपीआर बनाया गया है. अब इसे मंजूरी के लिए गत दिनों रेलवे बोर्ड को सौंप दिया है. रेलवे बोर्ड डीपीआर की स्टडी कर रहा है.’ - सुषमा गौर, जनसंपर्क अधिकारी, नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लि, दिल्ली