नागालैंड हिंसा: पुलिस ने सुरक्षाबलों के खिलाफ हत्या का मामला किया दर्ज, मोन कस्बे में धारा 144 लागू, तनाव बरकरार

By भाषा | Published: December 6, 2021 03:34 PM2021-12-06T15:34:11+5:302021-12-06T16:17:01+5:30

Nagaland firing: Police register murder case against security forces | नागालैंड हिंसा: पुलिस ने सुरक्षाबलों के खिलाफ हत्या का मामला किया दर्ज, मोन कस्बे में धारा 144 लागू, तनाव बरकरार

नागालैंड हिंसा: पुलिस ने सुरक्षाबलों के खिलाफ हत्या का मामला किया दर्ज

कोहिमा: नगालैंड पुलिस ने सोमवार को सेना के 21वें पैरा स्पेशल फोर्स के खिलाफ असैन्य नागरिकों पर गोलीबारी में कथित संलिप्तता के लिए हत्या का मामला दर्ज किया, जबकि कई आदिवासी संगठनों ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई के विरोध में बंद का आह्वान किया।

अधिकारियों ने बताया कि मोन कस्बे में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण है। इस बीच, नगालैंड के मोन जिले में आम नागरिकों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मरने वालों की संख्या को लेकर सोमवार को भ्रम की स्थिति बनी रही।

शीर्ष आदिवासी संगठन, कोन्यक यूनियन ने दावा किया कि घटना में 17 लोग मारे गए, लेकिन बाद में संगठन ने मृतकों की संख्या को संशोधित कर 14 कर दिया।

हालांकि, पुलिस शुरू से दावा करती रही कि शनिवार और रविवार को हुई गोलीबारी की अलग-अलग घटनाओं में 14 लोग मारे गए।

नागालैंड हिंसा: क्या है गोलीबारी का पूरा मामला 

गोलीबारी की पहली घटना जिसमें छह लोग मारे गए थे, तब हुई जब सेना के जवानों ने शनिवार शाम को एक पिकअप वैन में घर लौट रहे कोयला खदान कर्मियों को प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन (के) के युंग आंग गुट से संबंधित उग्रवादी समझ लिया।

जब मजदूर अपने घरों को नहीं लौटे, तो स्थानीय युवक और ग्रामीण उनकी तलाश में गए और सेना के वाहनों को घेर लिया। इसके बाद हुई झड़प में एक सैनिक की मौत हो गई और कई वाहन जला दिए गए। सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई।

पुलिस ने कहा कि दंगा रविवार दोपहर तक खिंच गया, जब गुस्साई भीड़ ने यूनियन के कार्यालयों और इलाके में असम राइफल्स के शिविर में तोड़फोड़ की, और इसके कुछ हिस्सों में आग लगा दी। सुरक्षा बलों ने हमलावरों पर जवाबी गोलीबारी की, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई।

नगालैंड पुलिस ने सेना के 21वें पैरा स्पेशल फोर्स के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। आईपीसी की धारा 302, 307 और 34 के तहत हत्या, हत्या के प्रयास और सभी के सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए आपराधिक कृत्य से संबंधित मामला दर्ज किया गया है।

शिकायत में जिले के तिजिट पुलिस थाने ने कहा, ''चार दिसंबर को करीब साढ़े तीन बजे कोयला खदान के मजदूर एक वाहन से तिरु से अपने पैतृक गांव ओटिंग लौट रहे थे। ऊपरी तिरु और ओटिंग के बीच लोंगखाओ पहुंचने पर, सुरक्षा बलों ने बिना किसी उकसावे के वाहन पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप कई ग्रामीणों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।"

शिकायत में यह भी कहा गया कि घटना के समय कोई पुलिस गाइड नहीं था और न ही सुरक्षा बलों ने गाइड की मांग की थी।

प्राथमिकी में कहा गया, “इसलिए, यह स्पष्ट है कि सुरक्षा बलों का इरादा नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना था।” शिकायत में अधिकारियों से अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया गया।

इस बीच, आदिवासी संगठनों, नागरिक संस्थाओं और छात्र संगठनों ने अचानक एक कदम उठाते हुए सोमवार को राज्य भर में छह से 12 घंटे तक की विभिन्न अवधियों का बंद आहूत किया। प्रभावशाली नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने पांच दिनों के शोक की घोषणा की है, साथ ही आदिवासियों से इस अवधि के दौरान किसी भी उत्सव में भाग नहीं लेने के लिए कहा है।

अधिकारियों ने कहा कि 28 घायलों में से छह की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

Web Title: Nagaland firing: Police register murder case against security forces

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