संयुक्त आंध्र प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी कांग्रेस छोड़ थाम सकते हैं भाजपा का दामन
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 12, 2023 02:53 PM2023-03-12T14:53:23+5:302023-03-12T14:58:55+5:30
संयुक्त आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एन किरण कुमार रेड्डी के बारे में कयास लग रहे हैं कि वो 2024 के लोकसभा से पहले भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
विजयवाड़ा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अविभाजित आंध्र प्रदेश के अंतिम मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं। कयास लगाये जा रहे हैं कि किरण कुमार रेड्डी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार आंध्र कांग्रेस में पूर्व सीएम रेड्डी के खेमे से मिल रहे संकेतों के अनुसार 62 साल के किरण कुमार रेड्डी दिल्ली स्थित भाजपा आलाकमान से मिलने वाली हरी झंडी की इंतजार कर रहे हैं।
आंध्र और तेलंगाना के बंटवारे के समय अविभाजित सूबे के मुख्यमंत्री रहे किरण कुमार रेड्डी ने 11 नवंबर, 2010 को मुख्यमंत्रीपद की शपथ ली थी। लेकिन तत्कालीन कांग्रेस नीत यूपीए सरकार द्वारा किये गये संयुक्त आंध्र प्रदेश के बंटवारे का विरोध में रेड्डी ने 10 मार्च 2014 को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार द्वारा पारित राज्य के विभाजन का विरोध किया और बंटवारे के विधेयक का विरोध करते हुए विधानसभा को एक प्रस्ताव भी पारित किया था।
साल 2014 में कांग्रेस से दूरी बना लेने वाले किरण कुमार ने उसी साल 12 मार्च को जय समैक्य आंध्र पार्टी के नाम से एक क्षेत्रीय पार्टी बनाई और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए पूरे दमखम के साथ मैदान में उतने लेकिन उन्हें करारी शिकस्त का सामना पड़ा।जय समैक्य आंध्र पार्टी की अपमानजनक हार के बाद लगभग चार सालों तक खामोश रहे किरण 13 जुलाई 2018 को वापस कांग्रेस में लौट आये लेकिन राजनीति में खामोशी अख्तियार किये रहे।
हालांकि कांग्रेस नेताओं ने उन्हें कई बार सक्रिय राजनीति में दखल देने का अनुरोध किया, बावजूद उसके वो पार्टी के नेपथ्य में रहे और 2019 के आम चुनाव के दौरान भी खामोश रहे। अब जब 2024 के आम चुनाव की आहट सूबे में तेज हो रही है, उम्मीद जताई जा रही है कि सालों से खामोशी अख्तियार किये हुए किरण कुमार रेड्डी सूबे की राजनीति में जल्द ही नई पारी खेलने के लिए भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
इस संबंध में किरण कुमार रेड्डी के करीबी सूत्रों का अनुमान है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सूबे में रेड्डी को सम्मानजनक स्थान देने की बात कह रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने पिता एन अमरनाथ रेड्डी के उत्तराधिकारी के तौर पर अन्नामय्या जिले के वायलपाडु विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश की राजनीति में प्रवेश किया था। किरण कुमार से पूर्व उनके पिता वायलपाडु विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे थे। उसके बाद किरण ने 1989, 1999 और 2004 में वायलपाडु विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
किरण कुमार रेड्डी साल 2004 से 2009 तक संयुक्त आंध्र प्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे। साल 2009 में जब डॉ वाईएस राजशेखर रेड्डी मुख्यमंत्री थे, किरण कुमार विधानसभा अध्यक्ष बने। लेकिन मुख्यमंत्री डॉक्टर वाईएस राजशेखर रेड्डी के हवाई दुर्घटना में मारे जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने के रोसैया को मुख्यमंत्री बना दिया था लेकिन उसके कुछ ही समय के बाद पार्टी ने सूबे की कमान किरण कुमार रेड्डी को सौंप दी थी।