मुजफ्फरनगर दंगा मामला: अदालत ने 12 आरोपियों को बरी किया, सबूतों के अभाव में दी राहत
By भाषा | Published: May 29, 2019 11:37 AM2019-05-29T11:37:56+5:302019-05-29T11:37:56+5:30
आरोप था कि सात सितंबर 2013 को जिले के लिसाढ गांव में दंगों के दौरान भीड़ ने घरों को आग लगा दी थी और लूटपाट की थी। इस मुकदमे में गठवाला खाप के मुखिया बाबा हरिकिशन को भी नामजद किया गया था।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 2013 के दंगा मामले में एक स्थानीय अदालत ने सबूतों के अभाव में 12 लोगों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार तिवारी ने दंगा मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 395 (डकैती) और 436 (आगजनी) से मंगलवार को आरोपियों को बरी कर किया।
अभियोजन के मुताबिक, एसआईटी ने 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। मामले के लंबित रहने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता मोहम्मद सुलेमान समेत तीन गवाह मुकर गए और उन्होंने अभियोजन का साथ नहीं दिया। आरोप था कि सात सितंबर 2013 को जिले के लिसाढ गांव में दंगों के दौरान भीड़ ने घरों को आग लगा दी थी और लूटपाट की थी। इस मुकदमे में गठवाला खाप के मुखिया बाबा हरिकिशन को भी नामजद किया गया था। एसआईटी ने जांच के दौरान बाबा हरिकिशन का नाम निकाल दिया था।