लखनऊ, 18 मार्चः तीन तलाक को लेकर मुस्लिम महिलाएं लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। उनकी मांग है तीन तलाक बिल जल्द से जल्द पास किया जाए और मुस्लिम महिलाएं को राहत दी जाए। इसी कड़ी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुस्लिम महिला फाउंडेशन की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया और तीन तलाक बिल को पास कराने की मांग उठाई गई।
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गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाला मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2017 लोकसभा से पास करवा लिया है, लेकिन बिल राज्यसभा में फंस गया है, जहां उसे विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
बिल में तलाक की प्रथा का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ अधिकतम तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। साथ ही यह मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण और बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है। मुस्लिमों में तलाक मुस्लिम पर्सनल लॉ यानी शरिया के जरिए होता है। इसे बहुत ही रूढ़िवादी कानून समझा जाता है। सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक को निरस्त करने का पहले ही आदेश दे चुका है।
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देश में जहां भारतीय संविधान के मुताबिक कानून चलता है वहीं धार्मिक स्वतंत्र के नाम पर ऐसे कानूनों के जरिए मुस्लिम महिलाएं अत्याचार झेल रही हैं। वहीं जानकारों की मानें तो 'कुरान' में तीन तलाक का कहीं जिक्र नहीं है बावजूद इसके भारत में अब भी यह कुरीती चल रही है। यदि तीन तलाक के बाद शौहर अपनी बेगम के साथ रहना चाहे तो उस तलाक शुदा महिला को 'हलाला' से गुजरना होता है।