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उन्‍नाव मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज : पुलिस ने कहा- मौत की वजह स्पष्ट नहीं

By भाषा | Updated: February 18, 2021 21:54 IST

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उन्‍नाव/ लखनऊ, 18 फरवरी उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव के बाहर दो किशोरियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने बृहस्पतिवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून—व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने 'भाषा' को बताया कि परिजन की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार अपनी बेटियों की हत्या किये जाने का आरोप लगा रहा है। हालांकि परिजन किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, लिहाजा उनकी तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि उनकी परिवार के सभी बालिग सदस्यों से बात हुई है। किसी ने भी सीबीआई जांच या अन्य किसी तरह का मांग पत्र नहीं दिया है। जांच चल रही है।

इस बीच, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि दोनों लड़कियों के शव का तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। उन्होंने कहा कि उसकी रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है।

उन्होंने कहा "दोनों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है लिहाजा उनका विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। हम फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं और मामले की हर कोण से जांच कर रहे हैं।"

इस बीच पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने बताया कि घटना में मृत लड़कियों के साथ बेसुध पायी गयी लड़की का कानपुर के अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने जहर के सेवन की आशंका जतायी है।

उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर वारदात का दृश्य फिर से खींचा जाएगा और सारे वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किये जायेंगे एवं तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष तथा प्रभावी कार्यवाही की जायेगी।

उन्होंने बताया कि घटना स्‍थल पर पहले पहुंचने वाले परिवार के सदस्‍यों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मां और भाई के बयानों और घटनास्‍थल पर गये लोगों के बयानों में विरोधाभास है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों के शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं, उन्‍हें बांधा नहीं गया था।

जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया घायल किशोरी के इलाज को लेकर रीजेंसी हॉस्पिटल कानपुर को पत्र भेजा गया है और कहा गया है घायल किशोरी का इलाज मुख्यमंत्री राहत कोष से कराया जाएगा।

इस बीच, मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां भी शुरू हो गयी हैं। विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा है, जबकि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की पुलिस मह‍ानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है।

सरकारी प्रवक्‍ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा है कि अस्पताल में भर्ती पीड़िता का सरकारी व्यय पर बेहतर से बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने पीड़िता के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं।

पुलिस के अनुसार असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव में बीती शाम खेतों पर पशुओं के लिये चारा लेने गयी तीन दलित किशोरियों के खेत में संदिग्‍ध अवस्‍था में मिलने के बाद इलाज के लिए सीएचसी ले जाया गया था,जहां चिकित्‍सकों ने कोमल (15) और काजल (14) को मृत घोषित किया था, जबकि तीसरी रोशनी (16) की हालत गंभीर देखकर उन्‍नाव अस्‍पताल ले जाया गया और बाद में कानपुर में रेफर कर दिया गया।

कांग्रेस महासचिव और उत्‍तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने फेसबुक पर उन्‍नाव की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है।

उन्‍होंने कहा ''उन्‍नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। लड़कियों के परिवार की बात सुनना एवं तीसरी बच्‍ची को तुरंत अच्‍छा इलाज मिलना जांच पड़ताल एवं न्‍याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है।''

प्रियंका ने कहा ''खबरों के अनुसार पीडि़त परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। यह न्‍याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्‍या हासिल होगा।''

उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि परिवार की पूरी बात सुनें और त्‍वरित प्रभाव से तीसरी बच्‍ची को इलाज के लिए दिल्‍ली शिफ़ट किया जाए।

इस घटना को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने बृह‍स्‍पतिवार को ट्वीट में कहा ''उत्तर प्रदेश के उन्‍नाव जिले में तीन दलित बहनों में से दो की खेत में कल हुई रहस्‍यमय मौत एवं एक की हालत नाजुक होने की घटना अति गंभीर और अति दुखद है। पीडि़त परिवार के प्रति गहरी संवेदना। सरकार से घटना की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने तथा दोषियों को सख्‍त सजा दिलाने की बसपा की मांग।''

समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्‍य सुनील सिंह यादव ने आरोप लगाया है कि उन्‍नाव पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्‍होंने इस घटना की स्‍वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है।

यादव ने इस मामले में ट्वीट कर आरोप लगाया, ''आज उन्‍नाव में तीन नाबालिग बच्चियों की दुष्‍कर्म और हत्‍या की खबर ने योगी आदित्‍यनाथ की सरकार के महिला सुरक्षा और मिशन शक्ति पर कालिख पोतने का काम किया है। अपराधियों, बलात्‍कारियों के जयकारे लगाकर सत्‍ता का संरक्षण देने वालों के राज में इससे वीभत्‍स व शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।''

कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने भी उन्‍नाव की घटना की न्‍यायिक जांच की मांग की है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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