उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में कोर्ट ने CBI को लगाई फटकार
By भाषा | Published: October 22, 2019 05:16 AM2019-10-22T05:16:19+5:302019-10-22T05:16:19+5:30
उन्नाव मामलाः जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बंद कमरे में सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी से पूछा कि अभी तक फोन पर बातचीत का पूरा ब्योरा अभिलेख में क्यों नहीं रखा गया है, जो अप्रैल 2018 से उसके कब्जे में था। मामले की गोपनीय जानकारी रखने वाले एक वकील ने यह जानकारी दी।
एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में हुई कथित हत्या के मामले में सीबीआई से पीड़िता के चाचा के मोबाइल फोन पर हुई बातचीत का पूरा ब्यौरा जमा करने के लिए कहा। इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में सीबीआई द्वारा अभिलेखों में साक्ष्यों की अधूरी जानकारी देने के लिए उसे फटकार लगाई।
जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बंद कमरे में सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी से पूछा कि अभी तक फोन पर बातचीत का पूरा ब्योरा अभिलेख में क्यों नहीं रखा गया है, जो अप्रैल 2018 से उसके कब्जे में था। मामले की गोपनीय जानकारी रखने वाले एक वकील ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अदालत ने 25 अक्टूबर तक पीड़िता के चाचा के फोन पर हुई बातचीत के विवरणों की प्रतिलिपि मुहैया कराने के लिए कहा। अदालत ने पीड़िता के चाचा से सवाल-जवाब के दौरान यह बात कही। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में कथित रूप से पीड़ित महिला के साथ बलात्कार किया था।
अदालत ने सेंगर पर बलात्कार के मामले में आरोप तय किए हैं। पीड़िता के पिता पर कथित रूप से विधायक और उनके सहयोगियों ने हमला किया था और उस पर अवैध हथियार रखने का मुकदमा किया गया। उनकी न्यायिक हिरासत में रहते हुए नौ अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी। अदालत ने हत्या के मामले में 11 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं।