मुंगेर में नए डीएम नवीन कुमार ने खुद उड़ाई कोरोना गाइडलाइन, मंदिर का पट खुलवाया, पूजा-अर्चना की, जानें मामला
By एस पी सिन्हा | Published: June 28, 2021 05:02 PM2021-06-28T17:02:58+5:302021-06-28T17:04:01+5:30
मुंगेर में नये जिलाधिकारी के पद पर योगदान देने आए आईएएस अधिकारी नवीन कुमार ने कोरोना गाइडलाइन की धज्जिइयां उड़ाते हुए जिले के प्रसिद्ध चंडिका स्थान मंदिर का पट खुलवा कर सपरिवार पूजा-अर्चना किया.
पटनाः कोरोना के खौफ के चलते बिहार में अभी मंदिर-मस्जिद सहित सभी धार्मिक स्थल बंद है. यहां किसी को पूजा पाठ की अनुमति नहीं है.
लेकिन मंत्री और जिलाधिकारी कानून से ऊपर हैं. कानून तोड़ने की पूरी छूट है. सरकार के गाइडलाइन के अनुसार अभी किसी भी धार्मिक स्थल को नहीं खोला जा सकता है. लेकिन मुंगेर में नये जिलाधिकारी के पद पर योगदान देने आए आईएएस अधिकारी नवीन कुमार ने कोरोना गाइडलाइन की धज्जिइयां उड़ाते हुए जिले के प्रसिद्ध चंडिका स्थान मंदिर का पट खुलवा कर सपरिवार पूजा-अर्चना किया.
वहीं, जिलाधिकारी के आदेश के आगे विवश पुजारी चंदन बाबा ने पूरे भक्ति-भाव से मंदिर के गर्भ-गृह में उन्हें सपरिवार को माता के दर्शन करवाए और पूजा-अर्चना करवाई. सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि जिलों में कोरोना की गाइडलाइन का पालन कराने का जिम्मा जिलाधिकारी के कंधों पर दिया गया है.
लेकिन मुंगेर जिले में जिनके ऊपर कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी है, वहीं गाइडलाइन की अनदेखी करते नजर आए. नवीन कुमार मुंगेर के नए जिलाधिकारी बनाये गये हैं. जिलाधिकारी का पद ग्रहण करते ही नवीन कुमार पूरे परिवार के साथ प्रसिद्ध चंडिका स्थान पहुंच गए. अब जब जिले का सबसे बड़ा अधिकारी सामने मौजूद हो तो पुजारी भी मंदिर का पट खोलने से कैसे इनकार कर सकते थे.
मजबूरी में उन्होंने मंदिर खोल दिया. जिसके बाद जिलाधिकारी ने पूरे परिवार के साथ मंदिर में पूजा की. अब मंदिर दर्शन की तस्वीरें वायरल हो रही हैं और लोग जिलाधिकारी से पूछ रहे हैं कि यह कैसा गाइडलाइन है, जो सिर्फ आम लोगों के लिए है. बता दें कि चंडिका स्थान मंदिर को कोरोना गाइडलाइन के कारण पिछले पांच मई से बंद रखा गया है.
जिसके बाद मंदिर को सिर्फ जिले के जिलाधिकारी और उनके परिवार के दर्शन के लिए खोला गया. जिलाधिकारी के द्वारा कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किये जाने का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि आखिर जिलाधिकारी के लिए अलग कानून और आम लोगों के लिए अलग कानून कैसे हो सकता है? वैसे चंडिका स्थान में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन का यह पहला मामला नहीं है.
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान 4 नवंबर 2020 की रात 9 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने इसी चंडिका मंदिर में ताला खुलवाकर पूजा-अर्चना की थी. इस बाबत जब मंदिर के सचिव प्रभुदयाल सागर से बात की गई तो उन्होंने अपनी लाचारी जाहिर की थी.
अब जिलाधिकारी के द्वारा कानून की धज्जियां उडाये जाने के सवाल पर चंडिका स्थान न्यास समिति के सचिव प्रभु दयाल सागर का कहना है कि बडे़ लोग और जिलाधिकारी जैसे पद पर तैनात व्यक्ति को कैसे मना किया जा सकता है? हालांकि इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.