अर्नब गोस्वामी मामले में मुंबई पुलिस को फटकार, अदालत ने कहा- पत्रकार के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं ऐसा प्रतीत नहीं होता

By भाषा | Published: March 19, 2021 07:57 AM2021-03-19T07:57:34+5:302021-03-19T07:59:13+5:30

कंपनी ने अदालत से कहा था कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा को भी चैनल या कर्मचारियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने चैनल एवं उसके कर्मचारियों को अपने आरोपपत्र में आरोपी एवं संदिग्ध के तौर पर नामजद किया।

Mumbai police rebuked in Arnab Goswami case, court said - there does not seem to be any concrete evidence against the journalist | अर्नब गोस्वामी मामले में मुंबई पुलिस को फटकार, अदालत ने कहा- पत्रकार के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं ऐसा प्रतीत नहीं होता

अर्नब गोस्वमी (फाइल फोटो)

Highlightsरिपब्लिक चैनल चलाने वाली कंपनी ने कहा कि आरोपपत्र वजन के लिहाज से भारी है लेकिन याचिकाकर्ता के खिलाफ सबूत के मामले में नगण्य है।एआरजी आउटलायर मीडिया ने अपने हलफनामे में कहा कि मामले में वास्तविक शिकायतकर्ता हंसा रिसर्च ग्रुप ने रिपब्लिक टीवी या उसके कर्मचारियों का नाम नहीं लिया था।

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि तीन महीने चली जांच के बावजूद मुंबई पुलिस के पास ‘‘रिकॉर्ड पर’’ ऐसे साक्ष्य नहीं हैं जिनसे रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और एआरजी आउटलायर मीडिया को टीआरपी घोटाला मामले में आरोपी बनाया सके।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले ने महाराष्ट्र सरकार से यह भी पूछा कि जांच कब खत्म होगी। अदालत ने कहा कि सरकार को तर्कसंगत बात करनी चाहिए और यदि पुलिस को गोस्वामी तथा अन्य के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलता है तो इसे स्वीकार करना चाहिए तथा इस संबंध में बयान जारी करना चाहिए। 

इससे पहले 10 फरवरी को रिपब्लिक टीवी के सभी चैनलों का संचालन करने वाली कंपनी एआरजी आउटलायर मीडिया ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा था कि कथित फर्जी टीआरपी घोटाले में मुंबई पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र में रिपब्लिक टीवी एवं इसके प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ किसी सबूत का खुलासा नहीं किया गया है।

उच्च न्यायालय में मंगलवार को दाखिल जवाबी हलफनामे में आरोपपत्र का उत्तर देते हुए कंपनी ने कहा था कि पुलिस ने मामले में उसके कर्मचारियों को ‘‘गलत तरीके से फंसाया।’’ कंपनी ने कहा कि उसके चैनलों एवं कर्मचारियों के खिलाफ दायर मामला पूरी तरह ‘‘राजनीतिक बदले’’ और ‘‘गहरी दुर्भावना’’ से प्रेरित है। जवाबी हलफनामे कहा गया कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मुंबई पुलिस की जांच एवं पालघर में साधुओं की पीट-पीटकर की गई हत्या को लेकर बिना डर की गई रिपोर्टिंग की वजह से रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है।

राजपूत का शव पिछले साल जून में मुंबई के बांद्रा स्थित उनके घर में कथित तौर पर फंदे से लटका मिला था। एआरजी आउटलायर मीडिया ने अपने हलफनामे में कहा कि मामले में वास्तविक शिकायतकर्ता हंसा रिसर्च ग्रुप ने रिपब्लिक टीवी या उसके कर्मचारियों का नाम नहीं लिया था।

कंपनी ने कहा कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा को भी चैनल या कर्मचारियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने चैनल एवं उसके कर्मचारियों को अपने आरोपपत्र में आरोपी एवं संदिग्ध के तौर पर नामजद किया। कंपनी ने कहा, ‘‘आरोपपत्र वजन के लिहाज से भारी है लेकिन याचिकाकर्ता के खिलाफ सबूत के मामले में नगण्य है।’’

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: Mumbai police rebuked in Arnab Goswami case, court said - there does not seem to be any concrete evidence against the journalist

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे