विपरित परिस्थितियों में भी हिम्मत से काम करना जिंदगी खूबसूरत बना देती है। सोशल मीडिया पर इन दिनों ऑटो रिक्शा चालक देसराज की कहानी वायरल हो रही है। इस कहानी को जानकर हर किसी की आंखों में पानी आ रहा है। दरअसल, देसराज का परिवार बहुत बड़ा है और कमाने वाले वो अकेले हैं। इस बुजुर्ग ने हिम्मत न हारते हुए अपने परिवार की सभी जरूरतों को पूरा किया है।
दरअसल, 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' देसराज का इंटरव्यू किया है। इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी संघर्ष भरी दास्तां सभी के साथ शेयर की। देसराज बताते हैं कि 6 साल पहले उनका बड़ा बेटा घर से गायब हो गया था। वो काम के लिए घर से निकला और कभी वापिस नहीं आया। इसके बाद उन्हें खबर मिली की उनके बेटे की मौत हो चुकी है।
दोनों बेटों की मौत के बाद भी नहीं हारी हिम्मत
वह अपने बड़े बेटे के गम से अभी पूरी तरह से निकले भी नहीं थे कि उनके दूसरे बेटे ने सुसाइड कर लिया। अपने दोनों बेटों को गंवाने के बाद पूरे घर की जिम्मेदारी उनके सिर पर आ गई। पैसों की तंगी के कारण उनकी पोती पढ़ाई छोड़ना चाहती थी, लेकिन देसराज ने अपनी पोती को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। पोती के 12वीं में 80 प्रतिशत अंक आए और वह बीएड करने के लिए दिल्ली जाना चाहती थी।
पोती का सपना पूरा करने के लिए बेच दिया घर
देसराज ने बिना कुछ सोचे-समझे अपना घर बेच दिया। परिवार को गांव भेजने के बाद पोती को पढ़ने के लिए दिल्ली भेज दिया। वह खुद दिन-रात ऑटो चलाने लगे। वह रात को ऑटो में ही सो जाया करते। देसराज कहते हैं कि मैं उसके शिक्षक बनने की प्रतीक्षा नहीं कर सकता, ताकि मैं उसे गले लगा सकूं और कह सकूं। आपने मुझे इतना गौरवान्वित किया है।
कहानी वायरल होने के बाद लोग कर रहे हैं मदद
कांग्रेस की अर्चना डालमिया ने देसराज की कहानी को शेयर किया है। लोगों की ओर से देसराज को काफी मदद मिल रही है। गुंजन रत्ती नाम के एक फ़ेसबुक यूज़र ने देसराज के लिए एक फंडराइज़र शुरू किया, जिसने 276 डोनर्स से 5.3 लाख से अधिक जुटाए हैं।