"मुलायम सिंह ने 1990 में कारसेवकों पर इसलिए गोली चलवाई ताकि संविधान की रक्षा हो सके", सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सही ठहराया पुलिस फायरिंग को

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 11, 2024 09:59 AM2024-01-11T09:59:01+5:302024-01-11T10:02:38+5:30

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1990 में अयोध्या में 'कारसेवकों' पर पुलिस को गोली चलाने के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि यह संविधान की रक्षा के लिए जरूरी था।

"Mulayam Singh fired on Kar Sevaks in 1990 so that the Constitution could be protected", SP leader Swami Prasad Maurya justified the police firing | "मुलायम सिंह ने 1990 में कारसेवकों पर इसलिए गोली चलवाई ताकि संविधान की रक्षा हो सके", सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सही ठहराया पुलिस फायरिंग को

फाइल फोटो

Highlightsस्वामी प्रसाद मौर्य ने 1990 में अयोध्या में 'कारसेवकों' पर चली पुलिस को गोली को सही ठहरायामुलायम सिंह यादव द्वारा 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर कराई गई पुलिस फायरिंग सही थीस्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए मुलायम सिंह के फायरिंग का फैसला सही था

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1990 में अयोध्या में 'कारसेवकों' पर पुलिस को गोली चलाने के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि यह संविधान की रक्षा के लिए जरूरी था।

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश के कासगंज में बीते बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "दिवंगत मुलायम सिंह यादव द्वारा 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर कराई गई पुलिस फायरिंग बिल्कुल सही थी। मुलायम सिंह की तत्कालीन सरकार ने उस समय संविधान की रक्षा के लिए और अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए एकदम सही निर्णय लिया था।"

जब पत्रकारों ने स्वामी प्रसाद मौर्य से केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल के उस कथित बयान के बारे में पूछा गया, जिसमें एसपी सिंह बघेल ने कहा कि अयोध्या में 'राम भक्तों' पर गोली चलवाने वाले लोग अगर राम मंदिर उद्घाटन में जाना चाहते हैं तो उनका स्वागत किया जाना चाहिए।

मौर्य ने कहा, "1990 में माहौल बहुत अराजक था। कारसेवा के नाम पर अयोध्या में जुटे लोगों ने बड़ी संख्या में तोड़फोड़ की थी। जिसके कारण तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार को संविधान की रक्षा करने, शांति और व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस फायरिंग करना पड़ी। यह उस समय की सरकार का कर्तव्य था और उस समय को एसपी सिंह बघेल भी समाजवादी पार्टी में थे।"

विपक्ष द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार पर प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाने के सवाल पर सपा नेता ने कहा, “हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन भाजपा लाभ लेने के लिए राम मंगिर समारोह का राजनीतिकरण कर रही है। यह बात सारा देश जानता है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्णाण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है।"

उन्होंने कहा, "सभी विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया था। इसका मतलब साफ है कि किसी को राम मंदिर के निर्माण पर आपत्ति नहीं है, लेकिन भाजपा गलत तरीके से इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। अगर भाजपा इतनी सक्षम थी औक अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश की बागडोर संभाली, तब राम मंदिर क्यों नहीं बना दिया गया।"

यह पूछे जाने पर कि क्या वह 22 जनवरी को प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए अयोध्या जाएंगे, सपा विधायक ने कहा, "मैं भाजपा के किसी भी कार्यक्रम में नहीं जाऊंगा। यह भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम है, राम लला का नहीं।"

एक अन्य सवाल के जवाब में स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश को बेचने का काम कर रही है और ईवीएम के जरिये चुनाव जीत रही है। इसके साथ उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर हिंदू और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने का भी आरोप लगाया। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: "Mulayam Singh fired on Kar Sevaks in 1990 so that the Constitution could be protected", SP leader Swami Prasad Maurya justified the police firing

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