JIO इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट का दर्जा दिलाने के लिए खुद मुकेश अंबानी ने दिया प्रेजेंटेशन, जानिए कौन था साथ?
By रामदीप मिश्रा | Published: July 11, 2018 07:30 PM2018-07-11T19:30:08+5:302018-07-11T19:30:08+5:30
ओबेरॉय आठ सदस्यीय जियो टीम का हिस्सा थे, जोकि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी की अध्यक्षता वाली अधिकारित विशेषज्ञ समिति के समक्ष अपनी प्रस्तुति देने के लिए दिल्ली आई थी, लेकिन ऐसा नहीं और प्रजेंटेशन खुद अंबानी ने दिया।
नई दिल्ली, 11 जुलाईः देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्कृष्ट संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस) की घोषणा की, जिसमें जियो इंस्टीट्यूट का नाम शामिल किया गया। हालांकि अभी यह इंस्टीट्यूट कागजों पर ही है, जिसको लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इधर, खबरों की मानें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने प्रस्तावित जियो इंस्टीट्यूट को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिलाने के लिए खुद टीम का नेतृत्व कर प्रजेंटेशन दिया।
इस दौरान मुकेश अंबानी के साथ मानव संसाधन मंत्रालय (एचआरडी) में सचिव रहे विनय शील ओबेरॉय भी शामिल थे। ओबरॉय एचआरडी मंत्रालय से रिटायर होने के बाद उन्होंने रिलायंस को सलाहकार के रूप में ज्वॉइन किया।
ईटी की खबर के अनुसार, ओबेरॉय आठ सदस्यीय जियो टीम का हिस्सा थे, जोकि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी की अध्यक्षता वाली अधिकारित विशेषज्ञ समिति के समक्ष अपनी प्रस्तुति देने के लिए दिल्ली आई थी, लेकिन ऐसा नहीं और प्रजेंटेशन खुद अंबानी ने दिया। इस दौरान अंबानी ने कमिटी के हर सवाल का जवाब दिया। इस संस्थान को अंबानी की सपनों की परियोजनाओं में से एक माना जाता है। बताया जाता है कि उन्होंने पिछली सरकार यानि यूपीए के समय भी एक समान प्रस्ताव दिया था।
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बता दें, केंद्र सरकार ने 6 उत्कृष्ट संस्थानों में रिलायंस ग्रुप की जियो इंस्टीट्यूट को शामिल किया। वहीं, इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बंबई और आईआईएससी बैंग्लोर शामिल हैं, जबकि निजी क्षेत्र से मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि जियो इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए फाउंडेशन ने पूरा खाका तैयार कर लिया है। रिलायंस फाउंडेशन अगले तीन साल में इस संस्थान की शुरुआत कर सकती है। हालांकि अभी तक कोई ऐसी तारीख की घोषणा नहीं हुई है। इतना ही नहीं अगर तीन साल में इंस्टीट्यूट नहीं खुला तो इसका दर्जा वापस लिया जा सकता है।