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कोरोना संकट से निपटने के लिए MRPL ने पीएम केयर्स फंड में दिए तीन करोड़ रुपये, कही ये बात

By भाषा | Updated: April 4, 2020 20:47 IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिये जांच कार्य तेज कर दिया गया है और अब प्रतिदिन 10,000 से अधिक जांच की जा रही है।

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ठळक मुद्दे मंत्रालय ने इस संकट से निपटने में ‘लॉकडाउन’ का पालन जारी रखने और सामाजिक मेल जोल से दूर रहने के अलावा व्यक्तिगत स्तर पर एवं पर्यावरण को स्वच्छ रखने पर जोर दिया है। यह राशि कंपनी कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कोष की है। एमआरपीएल के कर्मचारियों ने भी कोष के लिए करीब एक करोड़ रुपये जुटाए हैं। 

मंगलुरू: सार्वजनिक क्षेत्र की मंगलुरू रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) ने पीएम-केयर्स कोष में तीन करोड़ रुपये का दान किया है। सरकार ने यह कोष कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए बनाया है। यह राशि कंपनी कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कोष की है। एमआरपीएल के कर्मचारियों ने भी कोष के लिए करीब एक करोड़ रुपये जुटाए हैं। 

देश में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या शनिवार को 100 के करीब पहुंच गई और संक्रमितों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। हालांकि, सरकार ने भरोसा दिलाया है कि दहशत में आने की जरूरत नहीं है क्योंकि देश में इस वायरस के फैलने की दर कई अन्य देशों की तुलना में कम है और 30 प्रतिशत मामले सिर्फ ‘‘एक खास स्थान’’ से संबद्ध हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिये जांच कार्य तेज कर दिया गया है और अब प्रतिदिन 10,000 से अधिक जांच की जा रही है। मंत्रालय ने इस संकट से निपटने में ‘लॉकडाउन’ का पालन जारी रखने और सामाजिक मेल जोल से दूर रहने के अलावा व्यक्तिगत स्तर पर एवं पर्यावरण को स्वच्छ रखने पर जोर दिया है।

अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कम से कम 1,023 मामले पिछले महीने दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम से संबद्ध पाये गये हैं। लेकिन तबलीगी जमात से जुड़े करीब 22,000 लोगों सहित उनके संपर्क में आये लोगों को विभिन्न प्राधिकारों के व्यापक प्रयासों से पृथक वास में रखा जा रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि निजामुद्दीन में हुए धार्मिक कार्यक्रम से जुड़े कोविड-19 संक्रमण का तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित 17 राज्यों में पता चला है, इससे यह जाहिर होता है कि उनमें से करीब 30 प्रतिशत मामले, ‘एक खास स्थान से है जहां हम इसे समझ नहीं सकें और इससे निपट नहीं सके।’

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