अलीगढ़ , 3 जुलाई : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में जिन्ना विवाद के बाद अब एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। खबर के अनुसार यहां अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर बहस शुरू हो गई है।
मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर मामले में खत लिखने वाले सांसद सतीश कुमार गौतम ने एक बार फिर एएमयू वीसी को खत लिखा है। उन्होंने खत लिखकर पूछा है कि उनके लोकसभा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों को प्रवेश में आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा है'। सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि एएमयू में वंचित वर्ग को आरक्षण के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक क्या कोशिशें की गई हैं। सांसद के इस खत ने सुर्खियां बटोर ली हैं।
इससे पहले यूपी के सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले कन्नौज में मुस्लिम विश्वविद्यालयों में दलितों के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया था। योगी ने कहा था कि जो लोग आरक्षण से वंचित हैं उनको इसका मुद्दा खुद उठाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अगर बीएचयू में आरक्षण मिल सकता है तो फिर अल्पसंख्यकों द्वारा संचालित संस्थानों में क्यों नहीं।
मंगलवार को अलीगढ़ में एससी, एसटी आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया पहुंच रहे हैं। खबर के मुताबिक आरक्षण को लेकर वह एक खास बैठक भी करने वाले हैं। गौरबतल है डॉ. रामशंकर कठेरिया ने हाल ही में कहा था कि जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं, बावजूद इसके इन दोनों में छात्रों को आरक्षण का लाभ न दिए जाने से छात्रों में आक्रोश है। उन्होंने कहा था कि पूरे मामले पर सरकार और आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है।