लाइव न्यूज़ :

'CM शिवराज ने बनाया टैक्स को लूट का साधन, गरीबों का पैसा चुनिंदा लोगों पर लुटा रही BJP सरकारें'

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 13, 2018 20:30 IST

'जिस तरह से भूकंप आने पर बड़ी-बड़ी इमारते धराशायी हो जाती हैं, उसी तरह से भारतीय जनता पार्टी की नीतियों के चलते देश का आर्थिक ढांचा धराशायी हो गया है।'

Open in App

लोकतंत्र में सरकार जनता के लिए बनती है। भारत में प्रारंभ से ही जनकल्याणकारी राज्य की अवधारणा चलती आई है। देश के इतिहास में पहली बार केंद्र और प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया है, जिसकी प्राथमिकता आम जनता और गरीबों के हक के पैसों पर डाका डालकर उसे ऐसे चुनिंदा लोगों पर लुटाना है, जिनका पेट सरकारी व्यवस्था के छिद्रों से निकले हुए देश के धन को खा-खा कर गले-गले तक भरा है।

यह बात मंगलवार को पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह ने राजधानी मं पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह ही नोटबंदी की दूसरी वर्षगांठ पर सामने आया कि मोदी जिसे देश को बदलने वाला निर्णय बता रहे थे, उसके दर्द से मध्यप्रदेश का गरीब और किसान अभी तक उबर नहीं पाया है। 

उन्होंने कहा आज दो साल के बाद भी मंदसौर के जिस किसान ने लगातार चार दिन तक बैंक की लाईन में खड़े रहकर अपने ही पैसे को निकालने में असफल होने के बाद आत्महत्या कर ली थी, उसका परिवार भारतीय जनता पार्टी की सरकार से जवाब मांग रहा है। मध्यप्रदेश के पिछड़े जिलों दमोह, पन्ना, सतना, शहडोल, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, बालाघाट और बैतूल आदि जहां का व्यक्ति अपने रोजगार की तलाश में दिल्ली, पंजाब, मुंबई जैसे स्थानों पर जाता था, उसमें से लगभग तीस प्रतिशत आज तक अपना रोजगार वापस नहीं पा सका है। मध्यप्रदेश की जनता भी देश की जनता की तरह ही मोदी को बुलावा भेज रही है कि वो भोपाल के किसी भी चौराहे पर आकर नोटबंदी हिसाब-किताब दें।

जिस तरह से भूकंप आने पर बड़ी-बड़ी इमारते धराशायी हो जाती हैं, उसी तरह से भारतीय जनता पार्टी की नीतियों के चलते देश का आर्थिक ढांचा धराशायी हो गया है। जिस जीएसटी को एक देश एक कर के सिद्धांत पर लागू किया जाना चाहिए था, वह न तो करों का सरलीकरण कर पाया और न ही व्यापार और व्यवसाय को आसान बना पाया। 

मध्यप्रदेश के व्यापारी भी पूरे देश के व्यापारियों की तरह रिर्टन फाईल करने और टैक्स नियमों का कम्पलार्इंस करने की जटिल प्रक्रिया से पीड़ित हैं। जिस कर प्रणाली में अधिकतम टैक्स 18 फीसदी का होना चाहिए था, उसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने गब्बर सिंह टैक्स बनाकर 28 फीसदी तक का बोझ लाद दिया। कैसा मजाक है कि आम उपभोक्ता अगर 100 रुपए की वस्तु खरीदता है तो उसके एक चैथाई से ज्यादा हिस्सा यानि 28 रुपए टैक्स के रूप में देना पड़ता है।

टॅग्स :विधानसभा चुनावशिवराज सिंह चौहानकांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारतबिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के अंदर एक बार फिर शुरू हो गया है 'एकला चलो' की रणनीति पर गंभीर मंथन

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत