MP LokSabha Election : मध्यप्रदेश में मिशन 29 के लिए बीजेपी के गढ़ पर कांग्रेस की नजर
By आकाश सेन | Published: February 2, 2024 07:45 PM2024-02-02T19:45:38+5:302024-02-02T19:47:02+5:30
भोपाल: लोकसभा चुनाव को लेकर एमपी कांग्रेस मिशन 29 की तैयारी में जुट गई है। विधानसभा चुनाव में करारी हार से सबक लेते हुए कांग्रेस इस बार बीजेपी के फॉर्मूले को ही बीजेपी के खिलाफ उपयोग करने की तैयारी में है । लेकिन मध्य प्रदेश की धरती जो सालों से बीजेपी के लिए मुफीद रही है। प्रदेश की 11 लोकसभाओं पर बीजेपी का तीन दशक से एक तरफा कब्जा रहा है, जो आज भी सतत बरकरार है। लेकिन इस बार कांग्रेस अलग रणनीति से बीजेपी के किलों में सेंधमारी की तैयारी में जुटी गई है।
लोकसभा चुनाव को लेकर एमपी की 29 लोकसभा सीटों पर होने वाले रण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारी तेज कर दी है । खासतौर पर कांग्रेस की नजर इस बार उन सीटों पर है । जिन सीटों को बीजेपी का गढ़ माना जाता है । क्योकिं कांग्रेस की कोशिश है कि बीजेपी की सेफ सीटों पर अटेक कर बीजेपी के बड़े नेताओं को यही रोका जाएं । जिससे अन्य सीटों पर कांग्रेस को तैयारी का मौका मिल जाएं। यानी वहीं फॉर्मूला । जो बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अपनाया था । जहां बीजेपी ने अपने दिग्गज चेहरों को कांग्रेस की सेफ सीटें मानी जाने वाली सीटों पर उतारा और वो इसमें कामयाब भी रही । अब आपकों बताते है कौन सी वो 29 में से 11 लोकसभा सीटें है जिस पर कांग्रेस की नजर है ।
जानिए किस सीट पर कब से BJP का कब्जा
1989 से भोपाल, इंदौर, भिंड, विदिशा, दमोह सीट बीजेपी के पास
1996 से जबलपुर, सागर, बालाघाट, बैतूल, मुरैना, सतना सीट पर कब्जा
खजुराहो लोकसभा 2004 से और ग्वालियर लोकसभा 2009 से बीजेपी के कब्जे में
2009 से खरगोन, सीधी, टीकमगढ़ बीजेपी के पास
2014 से होशंगाबाद, रीवा, मंडला, शहडोल, राजगढ़, देवास, उज्जैन, मंदसौर, धार, खंडवा बीजेपी के पास
2019 में BJP गुना और रतलाम लोकसभा सीट पर भी लहराया परचम
छिंदवाड़ा सीट कमलनाथ के कब्जे की रही है.
1997 के उपचुनाव में यहां से एक बार बीजेपी के सुंदरलाल पटवा चुनाव जीते थे
लोकसभा चुनाव में 2004 के बाद यानी 2003 में एमपी में उमाभारती के नेतृत्व में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद । से ही । लगातार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का जनाधार बड़ा है । इस बार के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है। यही कारण है कि बीजेपी इस बार अपने सेफ सीटों से नए चेहरों पर दाव लगाकर सबको चौका सकती है। वही नए चेहरों पर बीजेपी के दाव का जवाब देने के लिए कांग्रेस इन सीटों पर दिग्गजों या क्षेत्रिय जातिगत समीकरण के आधार पर नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी है । खास बात ये है कि विधानसभा चुनाव से सबक लेकर अब कांग्रेस बीजेपी के चक्रव्यू में ही बीजेपी को उलझाने की तैयारी कर रही है । लेकिन देखना ये बेहद दिलचस्प होगा कि कांग्रेस का ये फॉर्मूला लोकसभा चुनाव में कितना कारगर साबित होगा।