मध्य प्रदेश संकट: कमलनाथ के समर्थक 16 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया, राहुल गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे उनके आवास 10 जनपथ
By रजनीश | Published: March 9, 2020 11:45 PM2020-03-09T23:45:08+5:302020-03-10T00:53:13+5:30
मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुप्पी तोड़ते हुए जनता पर भरोसा जताया है। उन्होंने सरकार में अस्थिरता पैदा करने के पीछे माफिया की मदद बता रहे हैं।
भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार का संकट गहराता जा रहा है। कई दिनों से उठापठक झेल रही एमपी की कमलनाथ सरकार और कांग्रेस के सामने सरकार बचाने की चुनौती है। दरअसल, पार्टी के करीब 17 विधायक बेंगलुरु जा पहुंचे हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके समर्थक माने जाने वाले 27 विधायकों के फोन बंद हैं।
- इस्तीफा देने वाले 16 मंत्रियों में से एक पीसी शर्मा का कहना है कि इस्तीफा इसलिए दिया गया ताकि कैबिनेट का पुनर्गठन किया जा सके और रूठों को मनाया जा सके।
PC Sharma, Congress: All ministers, present at the meeting, have handed over their resignations (to CM Kamal Nath). We have requested him to reconstitute the state cabinet and tackle the situation created by BJP...Sarkar bachi hui hai, poore 5 saal chalegi. #MadhyaPradeshpic.twitter.com/bCvCl6O6xR
— ANI (@ANI) March 9, 2020
-कमलनाथ के समर्थक मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है और कमलनाथ ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। हालांकि, अभी तक कमलनाथ ने इस्तीफा नहीं दिया है।
इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि मैं उन ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा जो माफिया की मदद से अस्थिरता पैदा कर रहे हैं।
कमलनाथ ने कहा है कि उनकी सबसे बड़ी ताकत मध्य प्रदेश की जनता का भरोसा और प्यार है। उन्होंने कहा, 'मैं उन ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा जो उस सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं जिसे मध्य प्रदेश के लोगों ने चुना है।'
माना यह जा रहा है कि बीजेपी इस मौके का जल्द ही फायदा उठा सकती है। बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा है कि कोई ऑपरेशन लोटस नहीं है। उन्होंने कहा, 'सिर्फ असंतोष है। कमलनाथ और कांग्रेस को सीखना चाहिए कि सरकारें कुछ नेताओं के इर्द-गिर्द रहकर नहीं चलाई जा सकतीं। मध्य प्रदेश का विकास सरकार में असंतोष की वजह से रुक गया।'