MP Drivers Strike In Bhopal Day 2 : ड्रायवरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, जनजीवन अस्त-व्यस्त, दूध-सब्जी के लिए परेशान हुए लोग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 2, 2024 07:27 PM2024-01-02T19:27:59+5:302024-01-02T19:30:59+5:30
भोपाल: हिट एंड रन कानून के विरोध में चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। इसके चलते यात्री बसों और ट्रकों के पहिए थमे हुए हैं। उधर, मंगलवार से स्कूल बस व वैन के चालक भी हड़ताल में शामिल गए। इससे सुबह-सुबह अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए परेशान होना पड़ा। ड्राइवरों की हड़ताल के चलते कई स्कूलों में छुट्टी भी घोषित कर दी गई है।
भोपाल:देश में लागू हिट एंड रन कानून में किए गए बदलाव का मध्यप्रदेश में जमकर विरोध हो रहा है। इस कानून के विरोध में पूरे मध्यप्रदेश में बस-ट्रक ड्राइवरो की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी हैं। नए साल के दूसरे दिन जहां बसों से सफर करने वाले यात्रियों का खासी परेशानी उठानी पड़ी तो वही पेट्रोल डीजल की लंबी कतारों में खड़े होने के बाद आम आदमी को मंहगाई का डर सता रहा है ।सबसे पहले आपकों बताते है । भोपाल के आईएसबीटी बस स्टेड का हाल जो चार्टर बसें कल संचालित हो रही थी उनके पहिए भी आज थम गए ।जो बसें पुणा या इंदौर जा रही थी ।उन्हें भोपाल में ही खड़ा करा लिया गया । जिसके बाद ।कई यात्री अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने के लिए परेशान होते दिखाई दिए ।
वही बसों की हड़ताल को देखते हुए बस स्टेड पर पुलिस की टीमें निगरानी कर रही है ।क्योकिं जो बसे रास्ते में थी या अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाई ऐसी बसों को भी रोका जा रहा है ।इसलिये बस स्टेड पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर ।पुलिस बल तैनात किया गया है ।
वही ट्रकों की हड़ताल का असर ये हुआ कि भोपाल में दैनिक उपयोग के सामना की कीमतें दूसरे दिन ही आसमान छूने लगी है ।सब्जी मंडी में सब्जी की आवक कम होने के चलते अब सब्जियों के दाम दोगुने हो गए है ।जो आलू 20 रुपये किलों चल रहे थे वो अब 40 रुपये किलों हो गए है ।सब्जी विक्रेता इससे परेशान है ।ग्राहक सब्जी मंहगी होने की वजह से सब्जी खरीदने से बच रहे है या तो कम सब्जी खरीद रहे है । मंहगाई के बढ़ने से आम लोगों के घरों का बजट भी बिगड़ता नजर आ रहा है ।महिलाओं की माने तो हड़ताल की वजह से उनके सब्जियां मंहगी हो गई है ।जिसके कारण उनके घर का बजट बिगड़ रहा है ।
सब्जी, दूध की किल्लत
हड़ताल के चलते मार्केट में सब्जी सहित अन्य खाद्य सामग्रियों की किल्लत हो गई, जिससे इनके दाम भी बढ़ गए। हालांकि जिला प्रशासन, नगर निगम, दुग्ध् संघ सहित अन्य विभागों के अधिकारी व्यवस्थाओं को नियंत्रण में करने का दावा कर रहे हैं।
शहर में 500 से ज्यादा मिल्क पार्लर
राजधानी में लगभग 500 सांची दूध पार्लर है और हर दिन करीब ढाई लाख लीटर की खपत होती है। वहीं, अमूल दूध की खपत 70 हजार लीटर प्रतिदिन है। खुले दूध की खपत प्रतिदिन लगभग आठ लाख लीटर तक है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि दुग्ध संघ से आपूर्ति प्रभावित न हो, इसके लिए नगर निगम के ड्राइवरों को जिम्मा सौंपा गया है।
सब्जी-किराना व्यापार भी प्रभावित
करोंद मंडी में बाहर से आने वाले सब्जियों और फलों के वाहन नहीं पहुंचे हैं, इस वजह से दामों पर असर पड़ सकता है। वहीं भोपाल के थोक बाजारों से आसपास के 200 किमी के दायरे में किराना सामान की आपूर्ति होती है। हड़ताल के पहले दिन 50 प्रतिशत आपूर्ति पर असर पड़ा था। भोपाल व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को मालवाहक लोडिंग वाहन एवं ट्रक नहीं चले हैं। यह मंगलवार को भी नहीं अए हैं हालांकि हमारे पास अभी स्टाक है, अगर सप्ताह भर से अधिक हड़ताल चलती है तो किराने के सामान की दिक्कत हो सकती है। वहीं लोडिंग आटो चालकों का कहना है कि ऊपर से कोई निर्णय आने के बाद ही वह गाड़ी निकालेंगे। हालांकि कुछ चालक गाड़ी चला रहे हैं। बता दें भोपाल में इंदौर, डबरा, पिपरिया से दालें, महाराष्ट्र से शक्कर, उत्तर प्रदेश, गुजरात और दिल्ली से चावल आता है। वहीं, आटे की आपूर्ति लोकल मिल से होती है।
पेट्रोल पंपों पर स्थिति में सुधार के आसार
इसी के साथ पेट्रोल पंपों की स्थिति में सुधार के आसार हैं। भोपाल पेट्रोल डीजल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि पेट्रोल की किल्लत को लेकर ड्राइवरों से बात हुई है। अधिकतर ड्राइवरों ने पेट्रोल पहुंचाने की बात पर सहमति जताई है।
सब्जियों के दाम आसमान पर
सब्जियां - सोमवार को दाम - मंगलवार को दाम ( रुपपे प्रति किलो)
टमाटर - 20 - 80
अदरक -60 - 180
मिर्च -30 - 100
आलू -25 - 60
गोभी -35 - 60
खीरा -20 - 50
करेला -30 - 80
भिंडी -30 - 70
लौकी -25 - 50
गिलकी -40 - 80
कुल मिलाकर ट्रकों और बसों की हड़ताल जल्द ही खत्म नहीं हुई तो लोगों को आवागमन के साथ ही ।दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए भी परेशान होना होगा ।क्योकिं सामान की कम सप्लाई के चलते सामान मंहगा होगा और लोगों के घर का बजट गड़बड़ाएगा । तो वही अर्थ व्यवस्था की भी कमर टूट जाएगी ।ऐसे में देखना ये है कि कब ट्रक ड्रार्यवर्स की हड़ताल खत्म होती है और आम लोगों को इस परेशानी से राहत मिलती है।