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मध्य प्रदेश चुनावः दिग्गी के 'खास आदमी' समेत गोलू अग्निहोत्री की टिकट कटने पर बवाल, BJP को मिलेगा बड़ा फायदा?

By मुकेश मिश्रा | Updated: November 9, 2018 16:13 IST

कांग्रेस इन्दौर में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद कांग्रेसी बने हुए है। तीसरी सूची में इन्दौर एक से प्रीति गोलू अग्निहोत्री को उम्मीदवार बनाया गया था। जैसे ही यह नाम घोषित हुआ। कांग्रेस के अन्दर बगावत शुरू हो गयी। 

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इन्दौर, 09 नवम्बर: इन्दौर में कांग्रेस के अन्दर रार छिड़ गयी है। सबसे ज्यादा उठा-पटक विधानसभा एक में है। दूसरी बार ऐसा हुआ है जब गोलू अग्निहोत्री का टिकट को दिया गया टिकट विरोध के बाद रातोरात बदल दिया गया। लेकिन बगावत का सूर नहीं बदला है। अब भी कांग्रेस के लिए यह सीट टेढ़ी खीर ही साबित होगी।

पिछली बार की तरह इस बार भी बागी कमलेश खंडेलवाल निर्दलीय चुनाव मैदान में खम ठोंक रहे है। वही टिकट बदलने जाने के बाद प्रीति अग्निहोत्री ने भी कांग्रेस की सदस्यता त्याग कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस इन्दौर में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद कांग्रेसी बने हुए है। तीसरी सूची में इन्दौर एक से प्रीति गोलू अग्निहोत्री को उम्मीदवार बनाया गया था। जैसे ही यह नाम घोषित हुआ। कांग्रेस के अन्दर बगावत शुरू हो गयी। संजय शुक्ला और कमलेश खंडेलवाल ने विरोध शुरु कर दिया। टिकट बिकने का आरोप लगा गया। दोनों ने निर्दलीय चुनाव लडने का ऐलान कर दिया।

जैसे ही इस विरोध की जानकारी दिल्ली में कांग्रेस के आलाकामन को मिली इस सीट को होल्ड में रख दिया गया और देर रात जारी सूची में यहाँ से बगावत का बिगुल फूंकने वाले सुरेश पचौरी के समर्थक संजय शुक्ला को टिकट दे दिया गया। लेकिन बगावत का स्वर अब भी वैसा ही है। दरअसल इस विधानसभा से दिग्विजय सिंह के खास समर्थक कमलेश खंडेलवाल टिकट के प्रबल दावेदार थें। यह माना भी जा रहा था कि खंडेलवाल को इस बार कांग्रेस से टिकट जरुर मिल जायेगा। वे पूरे पांच साल तक क्षेत्र में सक्रिय रहें। हांलाकि पिछली बार की तरह इस बार भी खंडेलवाल को न-उम्मीदी ही मिली।

वही गोलू अग्निहोत्री दूसरी बार ठगा महसूस कर रहे है। 2013 में उन्हें कांग्रेस का टिकट मिला था लेकिन भारी विरोध के बाद रातो-रात उनका टिकट काट कर दीपू यादव को दे दिया गया। इस बार उनकी पत्नि प्रीति अग्निहोत्री को टिकट मिला और पिछली बार की तरह ही इस बार भी उनके हाथ से टिकट फिसल गया। विरोध के बाद टिकट बदल दिया गया।

टिकट बदलने के बाद भी कांग्रेस में विरोध का स्वर थमा नहीं है। कमलेश खंडेलवाल पिछली बार की तरह इस बार भी मैदान में बागी के रुप में खडे है। 2013 में इस बागी ने 45 हजार से अधिक वोट कांग्रेस के काट कर तीसरी नम्बर पर ढकेल दिया था। भाजपा उम्मीदवार सुर्दर्शन गुप्ता 54 हजार से अधिक मतों से विजयी हुए थें।

इस बार भी कांग्रेस की रार भाजपा के लिए राह आसान कर दी है। इतना ही नहीं पिछली टिकट बदले जाने से प्रीति अग्निहोत्री ने भी मोर्चा सम्भाला लिया है। वे निर्दलीय चुनाव मैदान में खडी हो गयी है। उनका कहना है कि मैं सिर्फ महिला के अपमान का बदला लेने उतरी हूँ। बदल गया और किसी और को दिया गया।

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