लाइव न्यूज़ :

मप्र के मुख्यमंत्री ने की ब्लैक फंगस रोधी इंजेक्शनों के "न्यायपूर्ण" बंटवारे की ताकीद की

By भाषा | Updated: May 20, 2021 18:46 IST

Open in App

इंदौर, 20 मई ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकरमाइकोसिस) के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एक प्रमुख इंजेक्शन की मध्य प्रदेश में भारी किल्लत के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को आला अफसरों को ताकीद की कि मरीजों में इस इंजेक्शन की खुराकों का न्यायपूर्ण बंटवारा किया जाए।

चौहान ने राज्य में कोविड-19 से उबरे लोगों में ब्लैक फंगस संक्रमण के मामले बढ़ने पर चिंता जताई और कहा, "ब्लैक फंगस का इलाज बहुत महंगा और कष्टपूर्ण होता है। इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाले एक फंगस रोधी इंजेक्शन की पर्याप्त खुराकें हमारे देश में उपलब्ध नहीं हैं और विदेशों से इनका आयात किया जा रहा है। मैंने आज भी कोशिश की कि हमें इसकी और खुराकें मिल जाएं।"

मुख्यमंत्री, कोविड-19 के खिलाफ गठित आपदा प्रबंधन समूहों को इंदौर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित कर रहे थे।

गौरतलब है कि ब्लैक फंगस के इलाज में आवश्यक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों की राज्य में बड़ी किल्लत है जिससे मरीजों और उनके तीमारदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

चौहान ने कहा, "फंगसरोधी इंजेक्शन का राज्य के संक्रमितों में न्यायपूर्ण वितरण किया जाए। हम राज्य में ब्लैक फंगस के मरीजों के नि:शुल्क इलाज का भी पूरा प्रयास करेंगे।"

उन्होंने आला अफसरों को निर्देश दिए कि सूबे में नेजल एंडोस्कोपी (नाक में उपकरण डालकर की जाने वाली अंदरूनी जांच) की मदद से ब्लैक फंगस के मामलों की समय पर पहचान की जाए ताकि मरीजों का जल्द से जल्द इलाज शुरू किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि ब्लैक फंगस और खून का थक्का जमने के रोगों की त्वरित रोकथाम के लिए कोविड-19 से उबरे लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दिए जाते वक्त ही उनके स्वास्थ्य मानकों को परख लिया जाए, साथ ही, हर जिले में "पोस्ट कोविड केयर सेंटर" स्थापित किए जाएं।

चौहान ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड के कुल 5.19 करोड़ टीकों के ऑर्डर दिए हैं और इनकी ज्यादा से ज्यादा खुराकों की शीघ्र आपूर्ति के लिए निर्माता कम्पनियों के साथ ही केंद्र सरकार से भी सतत सम्पर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि हमें जून और जुलाई में कोविड-19 के टीकों की बड़ी खेप मिलनी प्रारंभ हो जाएगी।"

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महामारी की तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए हर जिले में चिकित्सा ढांचे को बढ़ाया जाए और अस्पतालों में खासकर छोटे बच्चों व उनकी माताओं के लिए विशेष वॉर्ड तैयार किए जाएं।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार महामारी के दौर में चिकित्साकर्मियों की कमी दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इस क्रम में निकट भविष्य में 800 डॉक्टरों और 2,000 नर्सों की नयी भर्ती की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 का प्रकोप घट रहा है। लेकिन जनता का हरसंभव सहयोग लेते हुए संक्रमण की कड़ी तोड़े जाने की अब भी जरूरत है।

चौहान ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि हम किसी भी हालत में 31 मई तक कोरोना वायरस पर अंतिम प्रहार कर दें, ताकि जनता कर्फ्यू (आंशिक लॉकडाउन) का सामना कर रहे राज्य में एक जून से जन-जीवन को धीरे-धीरे सामान्य करने की ओर कदम बढ़ाए जा सके।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: 6 दिन में 2000 से अधिक फ्लाइट कैंसिल, दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एडवाइज़री जारी की, एयरपोर्ट जाने से पहले लेटेस्ट स्टेटस चेक कर लें

भारतदिल्ली-एनसीआर में जहरीले स्मॉग की चादर, कई इलाकों में एयर क्वालिटी बहुत खराब, देखिए लिस्ट

विश्वतनाव फिर बढ़ने पर थाईलैंड ने कंबोडिया से सटी सीमा पर हवाई हमले शुरू

भारतनागपुर विधानमंडल शीतकालीन सत्रः 8000 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात, पक्ष-विपक्ष में इन मुद्दों पर टकराव

पूजा पाठPanchang 08 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

भारत अधिक खबरें

भारतSIR Registered: एसआईआर पर राजनीतिक विवाद थमने के नहीं दिख रहे आसार

भारतसिकुड़ता नागपुर विधानसभा सत्र और भंग होतीं अपेक्षाएं!

भारतPutin India Visit: ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे...!

भारतAirport Suitcases Rules: प्लेन में सूटकेस ले जाने का बदला नियम, यात्रा से पहले जरूर जान लें इसे

भारतPM Awas Yojana: अब अपने घर का सपना होगा पूरा, सरकार से पाए 1.30 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता; ऐसे करें आवेदन