मध्य प्रदेश: 65 बांध सूखने की कगार पर, नदियां भी सूख रहीं, सीएम ने कहा- जलसंरक्षण पर विचार जरूरी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 12, 2020 05:48 AM2020-02-12T05:48:55+5:302020-02-12T05:48:55+5:30
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी के मिंटो हाल में आयोजित राष्ट्रीय जल सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए यह बात कही. सम्मेलन में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कानून बनाए जाने को लेकर देशभर से आए जल विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों से सुझाव मांगे.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राष्ट्रीय जल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पानी को बचाने के लिए नई तकनीकी का इस्तेमाल करना होगा. वर्तमान में 65 बांधों के साथ नदियां सूखने के कगार पर है. अब भी जलसंरक्षण पर विचार नहीं किया तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी के मिंटो हाल में आयोजित राष्ट्रीय जल सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए यह बात कही. सम्मेलन में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कानून बनाए जाने को लेकर देशभर से आए जल विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों से सुझाव मांगे. उन्होंने कहा कि कानून तो बन जाएगा, कैसा कानून बनाए, ये विचार आपको करना होगा. मौजूदा हालात में 65 बांधों के साथ नदियां भी सुखने की कगार पर है, जिसमें पानी के बचाव के लिए नई टेक्नोलाजी लाने पर विचार करना होगा. अगर हमने अब भी जल संरक्षण पर विचार नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी भी माफ नहीं करेंगी. साथ ही पानी को लेकर अपने निजी जीवन से जुड़ा किस्सा भी साझा किया.
सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञों द्वारा दिए विचार के बाद अगले तीन महीनों में एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, जिसमें पानी पर हर व्यक्ति का अधिकार तय करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर प्रतिदिन पानी और एक करो़ड़ लोगों के घर तक नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा. ,वहीं इसके लिए 5 हजार करोड़ के कामों के टेंडर इस महीने ही जारी रहेगें जिसका वहन 45- 45 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ केंद्र और राज्य वहन करेगें. साथ ही बाकि की राशि जनसहयोग से जुटाई जाएगी, इस एक दिवसीय कांफ्रेन्स में देश भर के विशेषज्ञो दो सत्रों में पानी को बचाने पर अपने प्रजेंटेशन दिए.
सम्मेलन के दौरान जल विशेषज्ञों ने जनता, सरकार और मुख्यमंत्री कमलनाथ को बधाई दी, जिसमें जल विशेषज्ञ राजेन्द्र कुमार ने कहा कि पर्यावरण को बचाने वाले असली नेता आप ही हैं. इस प्रदेश और मुख्यमंत्री ने पानी के बारे में सोचा, जबकि दूसरे राज्यों ने इस बारे में अभी विचार तक नहीं किया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ आपने अपने समाज पर विश्वास किया है. आप राइट टू वाटर लागू कर पानी के झगड़ों को खत्म करके मालिकाना हक देंगे, जल कानून पूरे देश के लिए बनना चाहिए.
उन्होंने कहा कि नदियों को पुनर्जीवित करने का काम मध्य प्रदेश में शुरू हुआ. अब हमें पंचायतों और ग्राम सभाओं से जुड़कर काम करना होगा. जल कानून जल सरंक्षण और अनुशासन को लाता है. अभी ये कानून सिर्फ महाराष्ट्र में है. ये कानून सारे देश मे लागू होना चाहिए. दूसरे राज्यों को एमपी से सीखना चाहिए. उन्होंने कमलनाथ के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री रहते कामों की तारीफ भी की.
मंथन पर प्रारुप तैयार करें
राष्ट्रीय जल सम्मेलन की शुरूआत हुई जहां मिंटो हाल में हुए इस आयोजन में देशभर से आए करीबन 30 राज्यों के जल विशेषज्ञ और पर्यावरणविदों ने हिस्सा लेकर जल विषय पर विचार और मंथन किया. इस सम्मेलन का आयो़जन हाल ही में पानी को लेकर लाए अधिनियम 'राइट-टू-वाटर' के तहत किया, जिसे लेकर विचार मंथन पर प्रारूप तैयार कर क्रियांवयन करने की बात कही गई
पानी के कारण राजनीति में आया मैं: कमलनाथ
राजधानी भोपाल में शुरू हुए राष्ट्रीय जल सम्मेलन का मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बार की जानकारी दी कि वे राजनीति में पानी के कारण ही आए हैं. उन्होंने कहा कि मैं पानी के कारण ही राजनीति में आया हूं. मेरा राजनीतिक जीवन भी पानी से जुड़ा है. उन्होंने किस्सा सुनाया कि मेरा राजनीति में आने का ना तो कोई विचार था. ना ही कोई सोच थी. एक दिन मैं रात में सौंसर से पांढुर्ना जा रहा था. हमने देखा कि लोग रात में 10 बजे 3 घंटे से पानी के लिए पीपे लेकर रुके थे. जब हमने उनसे पूछा तो लोगों ने बताया कि गांव में पानी नहीं है. पानी की कमी के कारण उनके बेटों की शादी नहीं हो पा रही है. दूसरे गांवों के लोग अपनी बेटियां हमारे बेटों को नहीं देते. बस उसी दिन मैंने सोच लिया कि मैं चुनाव के मैदान में उतरूंगा. 1979 में राजनीति के मैदान में आने का विचार किया. मैं सिर्फ और सिर्फ पानी के कारण ही राजनीति में आया.
'जनता को धोखा दिया जग्गी बाबा ने'
राजधानी के मिटों हाल में जल सम्मेलन में जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आध्यत्मिक गुरु जग्गी बाबा ने नदी जोड़ो अभियान के नाम पर जनता से धोखा दिया है. इतना ही नहीं राजेंद्र सिंह ने जग्गी बासुदेव को एक फ्रॉड करार दिया है. जल पुरुष सिंह ने जग्गी बासुदेव को भाजपा सरकार की तरफ से दिए गए फंड को लेकर भी सवाल उठाए हैं, साथ ही जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इस मामले को लेकर मैं कांग्रेस से बात करुंगा और ये मांग करूंगा की जग्गी बासुदेव को दिए गए फंड की पूरी जांच की जाए. जलपुरुष ने कहा कि ये जो जग्गी बाबा है, कहता तो वो खुद सद्गुरु है, लेकिन वह फ्रॉड है, जिसने सबसे पहले अपनी पत्नी की हत्या की, फिर कोयंबटूर में विनोबा भावे के भूदान की जमीन को छीन ली. इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है. ऐसे फ्रॉड बाबा न कभी नदी जिंदा कर सकते हैं, न किसी देश को पानीदार बनाने का काम कर सकते हैं. वह दिखावा करने में मास्टर हैं, वही काम करते हैं.
जग्गी बाबा के समर्थन में उतरी भाजपा
जल पुरुष राजेंद्र सिंह के नदी जोड़ो अभियान चलाने वाले जग्गी बाबा पर दिए बयान पर भाजपा ने विरोध जताया है. भाजपा जग्गी बासुदेव के समर्थन में उतर आई है. भोपाल से भाजपा के पूर्व सांसद आलोक संजर ने कहा कि जग्गी बाबा पर किसी की व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन जग्गी बाबा नदियों को लेकर अविस्मरणीय काम कर रहे हैं. संजर ने कहा कि जग्गी बाबा पर इस तरह के आरोप लगाना ठीक नहीं है. भाजपा शासनकाल में जग्गी बाबा को दिए गए फंड की जांच कराने को लेकर पूर्व सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार को जब और जैसे जो भी जांच करानी हो, वो करवा सकते हैं. हम हर प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं.