अधिकांश भारतीयों में कोविड टीके रोधी की दो खुराक के बाद या तो कोई नहीं या केवल हल्का दुष्प्रभाव हुआ: सर्वेक्षण
By भाषा | Published: August 25, 2021 06:27 PM2021-08-25T18:27:50+5:302021-08-25T18:27:50+5:30
देशभर में किए गए एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोविड-19 रोधी टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद ज्यादातर भारतीयों में या तो कोई नहीं या केवल हल्का दुष्प्रभाव हुआ। भारत में 16 जनवरी को व्यापक स्तर पर कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। उस समय दो टीके के साथ अभियान शुरू किया गया था जिनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन थे। सामुदायिक सोशल मीडिया मंच ‘लोकलसर्किल्स’ ने कहा कि उसके राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के अनुसार, ‘‘कोविशील्ड की पहली खुराक लेने के बाद 70 प्रतिशत भारतीयों और कोवैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद 64 प्रतिशत लोगों में या तो कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आया और यदि हुआ भी तो लोगों ने केवल हल्के दुष्प्रभाव का अनुभव किया। इसी तरह, कोविशील्ड की दूसरी खुराक लेने के बाद 75 प्रतिशत और कोवैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद 78 प्रतिशत लोगों में या तो कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ और यदि हुआ भी तो उन्होंने केवल हल्के दुष्प्रभाव का अनुभव किया। हालांकि, जिन लोगों को कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई थी, उनमें से 30 प्रतिशत ने दुष्प्रभाव का अनुभव किया। सर्वेक्षण में कहा गया है कि इसमें से 29 फीसदी को बुखार हुआ और एक फीसदी ने कोविड से संक्रमित होने की सूचना दी। सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोवैक्सीन की पहली खुराक लेने वालों में से तीस प्रतिशत को बुखार हुआ जबकि एक प्रतिशत ने बुखार से अधिक गंभीर स्थिति होने की सूचना दी, और किसी ने भी टीकाकरण के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित होने की सूचना नहीं दी। सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोविशील्ड की दूसरी खुराक लेने के बाद, 20 प्रतिशत लोगों को बुखार हुआ था जबकि चार प्रतिशत ने टीके के बाद 'कोविड संक्रमण' होने की सूचना दी और एक प्रतिशत ने बुखार से अधिक गंभीर स्थिति होने की सूचना दी। इसमें कहा गया है कि कोवैक्सीन की दूसरी खुराक के टीकाकरण के बाद, 17 प्रतिशत लोगों को बुखार हुआ जबकि दो प्रतिशत ने टीके के बाद ‘कोविड संक्रमण’ होने की सूचना दी, जबकि तीन प्रतिशत ने बुखार से अधिक गंभीर स्थिति की सूचना दी। लोकलसर्किल्स ने कहा, ‘‘सर्वेक्षण में भारत के 381 जिलों में रहने वाले नागरिकों से 40,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं। इनमें 62 प्रतिशत उत्तरदाता पुरुष थे जबकि 38 प्रतिशत उत्तरदाता महिलाएं थीं।
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