मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के सिलिसले में उच्च न्यायालय में 2019 से 7800 से अधिक जनहित याचिका

By भाषा | Updated: August 1, 2021 16:21 IST2021-08-01T16:21:31+5:302021-08-01T16:21:31+5:30

More than 7800 public interest litigation in the High Court since 2019 in the case of violation of fundamental rights | मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के सिलिसले में उच्च न्यायालय में 2019 से 7800 से अधिक जनहित याचिका

मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के सिलिसले में उच्च न्यायालय में 2019 से 7800 से अधिक जनहित याचिका

नयी दिल्ली, एक अगस्त मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में देश भर के उच्च न्यायालयों में 2019 से अब तक 7800 से अधिक जनहित याचिकायें दायर की गयी है । सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गयी है।

कुछ उच्च न्यायालयों ने ऐसी जनहित याचिकाओं का अलग से रिकार्ड नहीं रखा है जबकि कुछ अदालतों में सलाना आधार पर आंकड़ा मौजूद नहीं है।

पिछले सप्ताह एक सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने राज्यसभा में यह आंकड़ा जारी किया । सरकार से पिछले दो साल में उच्चतम न्यायालय एवं विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर ऐसी जनहित याचिकाओं के बारे में, खास तौर से मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामले के बारे में, पूछा गया था ।

सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 2019 से इस साल जुलाई तक सभी उच्च न्यायालयों में मौलिक अधिकारों के हनन से संबंधित 7832 जनहित याचिकायें दायर की गयी हैं ।

उच्चतम न्यायालय में दायर ऐसी जनहित याचिकाओं के बारे में बताया गया है, ‘‘मांगी गयी जनकारी के अनुसार सूचना अनुरक्षित नहीं किया जाता है ।’’

हालांकि, सरकार ने ‘‘सुप्रीम कोर्ट सब्जेक्ट कैटेगरी 08’’ के तहत दायर जनहित याचिकाओं की संख्या साझा किया है । इस श्रेणी के अधीन ‘‘पत्र याचिका एवं जनहित याचिका मामलों’’ का निष्पादन किया जाता है।

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Web Title: More than 7800 public interest litigation in the High Court since 2019 in the case of violation of fundamental rights

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