मोरबी पुल हादसाः पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देगी ओरवो कंपनी, हाईकोर्ट ने दिया आदेश
By अनिल शर्मा | Published: February 22, 2023 02:12 PM2023-02-22T14:12:37+5:302023-02-22T14:47:00+5:30
ओरेवा समूह ने मंगलवार को गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष पेशकश की कि वह मोरबी पुल हादसे में जान गंवाने वालों के परिजानों को कुल पांच करोड़ रुपये का ‘अंतरिम’ मुआवजा देगी।
अहमदाबादः गुजरात हाई कोर्ट ने घड़ी बनाने वाली कंपनी ओरेवा कंपनी के MD जयसुखभाई पटेल को मोरबी पुल हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवारों को 10-10 लाख रुपये देने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि ओरेवा समूह ने मंगलवार को गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष पेशकश की कि वह मोरबी पुल हादसे में जान गंवाने वालों के परिजानों को कुल पांच करोड़ रुपये का ‘अंतरिम’ मुआवजा देगी।
गुजरात हाई कोर्ट ने ओरेवा कंपनी के MD जयसुखभाई पटेल को मोरबी पुल हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवारों को 10-10 लाख रुपये देने का आदेश दिया है।#morbi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 22, 2023
ओरेवा समूह को यहां मच्छू नदी पर बने पुल की मरम्मत और संचालन का काम दिया गया था। हालांकि, अदालत ने कहा था कि कंपनी द्वारा की गई पेशकश ‘न्यायसंगत’ नहीं है। मोरबी शहर में मच्छू नदी पर बना पुल पिछले साल 30 अक्टूबर को ढह गया था, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे।
मोरबी पुल 143 साल पुराना था जिसकी लंबाई 765 फीट और चौड़ाई 4 फीट थी। इस पुल का उद्घाटन 1879 में किया गया था। इस केबल ब्रिज को 1922 तक मोरबी में शासन करने वाले राजा वाघजी रावजी ने बनवाया था। पुल की मरम्मत का काम अजंता मैनुफैक्चरिंग (ओरेवा ग्रुप) को मिला था। कंपनी ने हादसे से 5 दिन पहले ही ब्रिज को खोला था। मरम्मत कार्य 7 महीने चला था। हादसे के बाद यह बात सामने आई कि ब्रिज खोलने से पहले फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया गया था।