लाइव न्यूज़ :

मध्य प्रदेश में मानसूनः पीले मेंढकों से भरा तालाब, कौतूहल का केंद्र, अच्छे बरसात का संदेश लाते हैं

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: July 16, 2020 21:49 IST

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह भारतीय नर बुलफ्रॉग है, जो अक्सर प्रजनन काल में अपना रंग बदलकर चमकीले पीले रंग के हो जाते है। मध्य प्रदेश के सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीतेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश में यह मेंढक मानसून के दौरान कभी-कभी देखे जाते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देमेंढक सामान्य रूप रंग के ही होते है परंतु मानसून में प्रजनन काल के दौरान मादा मेंढक को रिझाने इनके पिगमेंट का रंग हल्दी जैसा पीला हो जाता है।भारत में जहां कम वर्षा होती है, वहां कभी-कभी यह नजारा देखने को मिल जाता है। इस साल नरसिंहपुर में काफी कम वर्षा हुई है।गले की वोकल सेक भी गहरे नीले रंग की हो जाती है। यह नजारा भारत के अलावा बंग्लादेश, म्यामार पाकिस्तान में भी कहीं-कहीं दिखता है।

भोपालः मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के आमगांव में एक तालाब में अचानक पीले नीबू रंग के मेंढकों की उपस्थिति स्थानीय लोगों के के साथ ही सोशल मीडिया पर कौतूहल और आकर्षण का केन्द्र बन गई है। यहाँ आमगाँव के तालाब में यहां बड़ी संख्या में पीले मेंढक दिखे जिनके गले में गहरे नीले रंग की गुब्बारे की आकृति (वोकल सेक) है।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह भारतीय नर बुलफ्रॉग है, जो अक्सर प्रजनन काल में अपना रंग बदलकर चमकीले पीले रंग के हो जाते है। मध्य प्रदेश के सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीतेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश में यह मेंढक मानसून के दौरान कभी-कभी देखे जाते हैं।

उन्होंने तकरीबन 6-7 साल पहले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में इन्हें देखा था। पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक रवीन्द्र सक्सेना ने बताया कि यह मेंढक सामान्य रूप रंग के ही होते है परंतु मानसून में प्रजनन काल के दौरान मादा मेंढक को रिझाने इनके पिगमेंट का रंग हल्दी जैसा पीला हो जाता है।

वहीं इनके गले की वोकल सेक भी गहरे नीले रंग की हो जाती है। यह नजारा भारत के अलावा बंग्लादेश, म्यामार पाकिस्तान में भी कहीं-कहीं दिखता है। भारत में जहां कम वर्षा होती है, वहां कभी-कभी यह नजारा देखने को मिल जाता है। इस साल नरसिंहपुर में काफी कम वर्षा हुई है।

जैव विविधता बोर्ड के सदस्य  श्रीनिवास मूर्ति ने बताया कि कुछ दिनों बाद यह वापस पीले रंग से सामान्य रंग में आ जाते है। इंडियन बुल फ्रॉग भारत के तालाब, पोखर, नाले आदि में पायी जाने वाली आम प्रजाति है। कई बार कम वर्षा और तापमान बढ़ने वाले इलाकों में यह आम तौर पर गहरे हरे रंग के मेंढक प्रजनन काल में गहरे पीले रंग का रूप धारण कर लेते हैं।

भारतीय बुलफ्रॉग अपना ज्यादातर समय जमीन पर भोजन की तलाश बिताते हैं। जो उनके मुँह में समा सके ऐसी किसी भी चीज जैसे अन्य मेंढक, चूहे, छोटे पक्षी, साँप आदि को खाते हैं।उल्लेखनीय है कि मेंढक पृथ्वी पर ऐसे पहले उभयचर माने जाते हैं, जो जमीन और जल दोनों में रहकर कीड़े-मकोडों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में मदद करते हैं। जल और पृथ्वी दोनों जगह की जैव-विविधता आहार श्रृंखला बनाये रखने में इनका अति महत्वपूर्ण योगदान है।

टॅग्स :मध्य प्रदेशमौसमभारतीय मौसम विज्ञान विभागमौसम रिपोर्टभोपाल
Open in App

संबंधित खबरें

भारतभयावह हादसे के चार दशक, नहीं सीखे सबक

भारतपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतCyclone Ditwah: दक्षिणी भारत में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, चेन्नई समेत कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद

भारतदिल्ली में बढ़ी ठंड?, नवंबर का सबसे ठंडा दिन रविवार, तापमान 24.3 डिग्री, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

भारतCyclone Ditwah: तमिलनाडु में चक्रवात दित्वा का असर, झमाझम बारिश, IMD ने रेड अलर्ट जारी किया, भूस्खलन की कोई संभावना नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित