नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक कथित मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ बुधवार को यहां की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल के बाद में दिन में मामले की सुनवाई करने की संभावना है।
जैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया है। ईडी ने जैन और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत 24 अगस्त, 2017 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर धनशोधन मामले की जांच शुरू की थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 की अवधि के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए, अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन के मामले में प्रदेश के मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के मद्देनजर उन्हें मंत्रिमंडल से निलंबित करने का अनुरोध करने वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग की याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता ने पहले कहा था कि जैन को कोलकाता की एक कंपनी के साथ 2015-2016 में हवाला लेनदेन में कथित संलिप्तता के लिए धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया गया, जो कानून के प्रतिकूल है, क्योंकि वह एक सार्वजनिक सेवक हैं, जिन्होंने जनहित में कानून का राज बनाए रखने की संवैधानिक शपथ ली है।
याचिका में दावा किया गया है कि ऐसा परिदृश्य सार्वजनिक सेवक पर लागू कानून के प्रावधान के विपरीत है, जिन्हें केंद्रीय सिविल सेवा नियमावली, 1965 के नियम 10 के अनुसार 48 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रहने के बाद तत्काल निलंबित माना जाना चाहिए।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि धनशोधन मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की चिकित्सा जांच सरकारी लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के बजाए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अथवा सफदरजंग अस्पताल में कराई जाए।