वर्ण, जाति व्यवस्था अतीत की बात, इसे भुला दिया जाना चाहिए, बोले मोहन भागवत- इसके हानिकारक परिणाम हुए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 8, 2022 08:29 AM2022-10-08T08:29:18+5:302022-10-08T08:34:57+5:30

मोहन भागवत ने कहा कि आज अगर कोई इसके बारे में पूछता है, तो समाज के हित में सोचने वाले सभी को बताना चाहिए कि 'वर्ण' और 'जाति' व्यवस्था अतीत की बात है जिसे भुला दिया जाना चाहिए।

Mohan Bhagwat Varna caste system a thing of the past it should be forgotten it had harmful consequences | वर्ण, जाति व्यवस्था अतीत की बात, इसे भुला दिया जाना चाहिए, बोले मोहन भागवत- इसके हानिकारक परिणाम हुए

वर्ण, जाति व्यवस्था अतीत की बात, इसे भुला दिया जाना चाहिए, बोले मोहन भागवत- इसके हानिकारक परिणाम हुए

Highlightsआरएसएस प्रमुख ने कहा कि जाति व्यवस्था की अब कोई प्रासंगिकता नहीं है। समाज के हित में सोचने वालों को बताना चाहिए कि 'वर्ण' और 'जाति' व्यवस्था अतीत की बात हैः मोहन भागवत

नागपुरः आरएसएस प्रमुखमोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि वर्ण और जाति जैसी अवधारणाओं को पूरी तरह से त्याग दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज अगर कोई इसके बारे में पूछता है, तो समाज के हित में सोचने वाले सभी को बताना चाहिए कि 'वर्ण' और 'जाति' व्यवस्था अतीत की बात है जिसे भुला दिया जाना चाहिए।

भागवत ने उक्त बातें यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह में कही। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जाति व्यवस्था की अब कोई प्रासंगिकता नहीं है। डॉ मदन कुलकर्णी और डॉ रेणुका बोकारे द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘वज्रसूची तुंक’’ का हवाला देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सामाजिक समानता भारतीय परंपरा का एक हिस्सा थी, लेकिन इसे भुला दिया गया और इसके हानिकारक परिणाम हुए।

इस दावे का उल्लेख करते हुए कि वर्ण और जाति व्यवस्था में मूल रूप से भेदभाव नहीं था और इसके उपयोग थे, भागवत ने कहा कि अगर आज किसी ने इन संस्थानों के बारे में पूछा, तो जवाब होना चाहिए कि ‘‘यह अतीत है, इसे भूल जाओ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी भेदभाव का कारण बनता है उसे खत्म कर दिया जाना चाहिए।’’ 

इससे पहले बुधवार को भागवत ने कहा था कि अल्पसंख्यकों को खतरे में डालना "न तो संघ का स्वभाव है और न ही हिंदुओं का" और साथ ही यह भी कहा कि आरएसएस भाईचारे के पक्ष में खड़े होने का संकल्प लेता है। विशेष रूप से, कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने आरएसएस पर समाज को बांटने और लोगों को एक दूसरे के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए कोशिश करने का आरोप लगाया है।

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