मोदी-शी शिखर वार्ता: कश्मीर मामले की पृष्ठभूमि में संबंधों को विस्तार देने पर होगा ध्यान केंद्रित

By भाषा | Published: October 10, 2019 05:52 AM2019-10-10T05:52:13+5:302019-10-10T05:52:13+5:30

भारत और चीन द्वारा शी की भारत यात्रा की घोषणा करने के कुछ ही घंटों बाद चीनी सरकारी मीडिया ने बताया कि शी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बीजिंग में बैठक में कहा कि चीन कश्मीर में हालात पर ‘‘पूरा ध्यान दे रहा’’ है और ‘‘तथ्य स्पष्ट’’ हैं।

Modi-Xi summit: Focus will be on expanding relations in the backdrop of Kashmir case | मोदी-शी शिखर वार्ता: कश्मीर मामले की पृष्ठभूमि में संबंधों को विस्तार देने पर होगा ध्यान केंद्रित

मोदी-शी शिखर वार्ता: कश्मीर मामले की पृष्ठभूमि में संबंधों को विस्तार देने पर होगा ध्यान केंद्रित

Highlights कंठ ने कहा कि भारत-चीन संबंध केवल द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं हैमोदी उन्हें मामल्लापुरम में तटीय मंदिर परिसर लेकर जाएंगे जहां दोनों की बैठक होगी।

कश्मीर के मुद्दे पर संबंधों में आई असहजता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग आतंकवाद से निपटने समेत विभिन्न क्षेत्रों में संबंध गहरे करने के लिए तमिलनाडु के तटीय शहर मामल्लापुरम में 11-12 अक्टूबर को दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता करेंगे। भारत और चीन द्वारा शी की भारत यात्रा की घोषणा करने के कुछ ही घंटों बाद चीनी सरकारी मीडिया ने बताया कि शी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बीजिंग में बैठक में कहा कि चीन कश्मीर में हालात पर ‘‘पूरा ध्यान दे रहा’’ है और ‘‘तथ्य स्पष्ट’’ हैं। शिन्हुआ संवाद समिति के अनुसार शी ने यह भी उम्मीद जताई कि ‘‘संबंधित पक्ष’’ शांतिपूर्ण वार्ता के लिए मामले को सुलझा सकते हैं।

शी और खान के कश्मीर पर चर्चा करने की खबरों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मुद्दे पर नयी दिल्ली के रूख से बीजिंग ‘‘अच्छी तरह से अवगत’’ है और अन्य देशों को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे पर किसी तरह की बातचीत का सवाल नहीं है क्योंकि यह भारत का संप्रभु विषय है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मामले में चीन के राष्ट्रपति का कोई सवाल हुआ तो मोदी उन्हें जानकारी देंगे। सूत्रों ने कहा कि दक्षिण भारत के इस प्राचीन तटीय शहर में यह शिखर वार्ता चीन के अमेरिका के साथ कारोबारी संबंधों में बढ़ती दरार की पृष्ठभूमि में होगी। दोनों नेता व्यापार और कारोबारी संबंधों के विस्तार के तरीकों पर बात कर सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार बातचीत में राजनीतिक संबंधों, व्यापार तथा करीब 3500 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर अमन चैन बनाये रखने पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। सामरिक मामलों के विशेषज्ञ अशोक कंठ ने कहा कि मोदी और चिनफिंग की प्रस्तावित अनौपचारिक वार्ता दर्शाती है कि दोनों नेता जटिल संबंधों की जिम्मेदारी स्वीकार रहे हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘बातचीत का प्रमुख पहलू यह होगा कि दोनों देश अपने मतभेदों पर ध्यान देने में प्रगति कैसे करेंगे और संबंधों में उतार-चढ़ाव का फेर कैसे समाप्त होगा।’’

कंठ ने कहा कि भारत-चीन संबंध केवल द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि इनके महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक आयाम हैं। मोदी और शी के बीच पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता चीन के वुहान में 2018 में हुई थी। उसके कुछ महीने पहले ही डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध रहा था। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि आगामी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन एक ऐसा अवसर होगा जब दोनों नेता द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अत्यंत आवश्यक मुद्दों पर अपनी चर्चा को आगे बढ़ाएंगे। इस तरह की धारणा थी कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के करीब दो महीने पहले लिये गये भारत के फैसले ने शिखर वार्ता की तैयारियों को प्रभावित किया। दोनों पक्षों ने चीनी नेता के चेन्नई पहुंचने से महज 50 घंटे पहले बुधवार को शी की भारत यात्रा की तारीख की घोषणा की । दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने बताया कि शी के शुक्रवार दोपहर को चेन्नई पहुंचने की उम्मीद है। मोदी उन्हें मामल्लापुरम में तटीय मंदिर परिसर लेकर जाएंगे जहां दोनों की बैठक होगी। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में विकास के व्यापक मार्ग खोजने और आतंकवाद से निपटने समेत अहम क्षेत्रों में संबंध गहरे करने के प्रयास किए जाएंगे।

चीन और भारत आतंकवाद के खिलाफ अभ्यास इस वर्ष के अंत में कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी एक सांस्कृतिक कार्यक्रम से पहले चिनफिंग को इस प्राचीन कस्बे में प्रमुख स्थानों का भ्रमण कराएंगे। मोदी चीनी नेता को रात्रिभोज भी देंगे। दोनों नेता शनिवार को सीधी बातचीत करेंगे। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। चीनी राष्ट्रपति शनिवार दोपहर दो बजे चेन्नई से नेपाल के लिए रवाना हो सकते हैं। शी के साथ विदेश मंत्री और चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य वांग यी होंगे। लद्दाख को पृथक केंद्र शासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम पर चीन की आपत्ति पर सूत्रों ने कहा कि स्थानीय लोगों की यह मांग थी और इस फैसले से दोनों देशों के बीच सीमा के संबंधित निर्धारण में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सूत्रों ने शी की भारत यात्रा से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीजिंग दौरे को द्विपक्षीय मामला बताते हुए कहा कि अनौपचारिक बातचीत ‘एक मुद्दे पर शिखर वार्ता से परे’ है और नयी दिल्ली इमरान खान की यात्रा को भारत तथा पाकिस्तान के संबंधों में दरार डालने की चीन की कोशिश के तौर पर नहीं देखती। शिखर वार्ता का व्यापक उद्देश्य चीन-भारत संबंधों के भविष्य की प्रगति का व्यापक मार्ग बनाना होगा।

उन्होंने कहा कि मोदी और शी की मुलाकात के बाद किसी समझौते का या कोई संयुक्त वक्तव्य जारी करने की कोई योजना नहीं है। अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना के बड़े सैन्याभ्यास पर चीन की आपत्ति के संबंध में सूत्रों ने कहा कि यह परिचालन से जुड़ा विषय है। भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर विवाद है। दोनों पक्ष विशेष प्रतिनिधि संवाद की रूपरेखा के तहत सीमा विवाद का जल्द समाधान पाने के लिए 20 से अधिक दौर की बातचीत कर चुके हैं। चीन ने कश्मीर पर भारत के फैसले की आलोचना की थी और इसके विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी इस मुद्दे को उठाया था। हालांकि, शी की भारत यात्रा से पहले चीन ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच होना चाहिए। भाषा सिम्मी दिलीप दिलीप

Web Title: Modi-Xi summit: Focus will be on expanding relations in the backdrop of Kashmir case

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