मोदी सरकार की बहुचर्चित योजना 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' बुरी तरह फेल, RTI में हुआ खुलासा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 21, 2018 07:24 PM2018-09-21T19:24:45+5:302018-09-21T19:24:45+5:30
आरटीआई से पता चला है कि बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओ योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जारी फंड का एक बड़ा हिस्सा खर्च करने में कामयाब नहीं हो पाई है।
नई दिल्ली, 21 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड़कियों को सुरक्षित और सशक्त बनाने के लिए चलाई गई योजना 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का भारत के नियंत्रण और महालेखा परीक्षक यानी CAG ने आलोचना की है। आरटीआई के जवाब में मिली कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस योजना के लिए जारी फंड का एक बड़ा हिस्सा खर्च करने में कामयाब नहीं हो पाई है।
द क्विंट के मुताबिक एक्टिविस्ट विहार दुर्वे की ओर से दाखिल आरटीआई से पता चला है कि बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओ योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से 20 फीसदी से कम फंड खर्च किया गया है। एक तरफ जहां कैग ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की जमीनी हकीकत बताकर कड़ी आलोचना की है वहीं, कांग्रेस ने भी इसे लेकर मोदी सरकार ने धावा बोला है।
कांग्रेस ने दावा किया है कि इस योजना में मात्र 9.3 फीसदी बजट का इस्तेमाल किया गया है। कांग्रेस ने ट्वीट करके बताया कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना मोदी सरकार के दिखावे की भेंट चढ़ गयी है। कैग द्वारा पहले से जारी धन राशि खर्च नहीं की गयी और मात्र दिखावे के लिए नयी धन राशि जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कैग ने बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ को मजाक बनाया है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना मोदी सरकार के दिखावे की भेंट चढ़ गयी है। कैग द्वारा पहले से जारी धन राशि खर्च नहीं की गयी और मात्र दिखावे के लिए नयी धन राशि जारी की जा रही है। pic.twitter.com/nLguEwcB9t
— Congress (@INCIndia) September 21, 2018
22 जनवरी 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना को कम लिंगानुपात वाले 100 जिलों में शुरुआत किया था। 'बेटी बचाओ बेटी पदो' के लिए सरकार ने 2018-19 में 280 करोड़ रुपये आवंटन किया था।