2 महीने में शुरू हो सकता है 5जी परीक्षण, 1 लाख गांवों में वाई-फाई देगी मोदी सरकार
By संतोष ठाकुर | Published: June 14, 2019 07:36 AM2019-06-14T07:36:02+5:302019-06-14T07:36:02+5:30
मोदी सरकार का प्रयास है कि वह अगले दो महीने में 5जी स्पेक्ट्रम का परीक्षण शुरू कर दे. इसके लिए दूरसंचार आयोग, डिजीटल कम्युनिकेशन कमीशन ने स्वीकृति दे दी है. इस प्रयास के तहत स्टार्ट-अप, शैक्षिक संस्थानों और नई तकनीक के परीक्षण से जुड़ी संस्थाओं को तीन महीने की जगह एक वर्ष के लिए 5जी स्पेक्ट्रम दिया जाएगा. इसे परीक्षण स्पेक्ट्रम कहा जाएगा.
वहीं, इसके लिए केवल 5000 रु. की फीस वसूली जाएगी. इसके अलावा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) करीब 1 लाख गांवों में वाई-फाई कनेक्शन देगा. इस परीक्षण में चीन मूल की कंपनी हुवावे के शामिल होने पर प्रधानमंत्री के साइंटेफिक सलाहकार की समिति की सिफारिश का इंतजार किया जा रहा है. हालांकि जिस तरह से सरकार एक-दो महीने में परीक्षण करना चाहती है, उससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि हुवावे को परीक्षण में शामिल होने का अवसर मिल पाएगा.
स्टार्ट अप, शैक्षिक संस्थानों और गैर व्यवसायिक कंपनियों के साथ ही व्यवसायिक कंपनियों को उनके उत्पाद, स्तर के आधार पर परीक्षण स्पेक्ट्रम दिया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही सीएससी को भारत नेट के फाइबर से एक लाख गांव में वाई-फाई हॉटस्पॉट शुरू करने की इजाजत देने के साथ ही इस फाइबर के सहारे वहां के शैक्षिक संस्थान, सरकारी कार्यालय को इंटरनेट से जोड़ने की जिम्मेदारी भी दी जा रही है. यह उसकी ओर से स्थापित किए जाने वाले एक लाख डिजीटल गांव से अलग होंगे.
बेहतरीन तकनीक का मूल्यांकन एक अधिकारी ने बताया कि 5जी परीक्षण की वजह यह है कि हम दुनिया के अन्य मुल्कों के साथ या उनसे पहले ही 5जी सेवा का परीक्षण शुरू कर पाएं. इसके लिए दुनिया के सभी मुल्कों की बेहतरीन तकनीक का मूल्यांकन किया जाएगा.