लाइव न्यूज़ :

5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की राह कितनी मुश्किल है?

By विकास कुमार | Updated: July 6, 2019 13:54 IST

आर्थिक विश्लेषक मानते हैं कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने के लिए जीडीपी को 8 फीसदी के दर से बढ़ना होगा. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और औद्योगिक विकास के दर को बढ़ाना होगा तभी जा कर यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. एमएसएमई में नई जान फूंकनी होगी.

Open in App
ठळक मुद्देरेलवे में पीपीपी मॉडल के तहत वित्त मंत्री ने 2030 तक 50 लाख करोड़ के निवेश की बात कही है. सरकार ने इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाने का एलान किया है.

संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण से लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण तक मोदी सरकार की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को लेकर जबरदस्त दीवानगी देखने को मिली. प्रधानमंत्री से लेकर कैबिनेट के अन्य सभी मंत्री 5 ट्रिलियन डॉलर का जाप करते हुए दिख रहे हैं. फिलहाल देश की अर्थव्यवस्था 2.7 ट्रिलियन डॉलर है, जो कि इस वर्ष 3 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने का दावा कर दिया गया है. 

ऐसे वक्त में जब बैंकिंग-एनबीएफसी, रियल एस्टेट, उद्योग विकास की रफ्तार थम चुकी है, ढाई दशक के बाद पहली बार खपत में कमी आई है, 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोज़गारी दर हिन्दुस्तान के लोगों को डराने का काम कर रही है, जीडीपी की अनुमानित दर को घटा कर 7 प्रतिशत कर दिया गया है तो फिर सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का दावा कैसे कर रही है? क्या यह चुनावी जुमला है या सरकार की इच्छाशक्ति?

दरअसल इसके पीछे IMFका  एक अनुमान है जिसमें दावा किया गया है कि 2024 तक भारत की अर्थव्यवस्था 4.7 ट्रिलियन डॉलर या इसके आसपास पहुंच जायेगा. सरकार ने बहुत ही सोच-समझ के इस नैरेटिव को अभी से ही हवा देना शुरू कर दिया है. आने वाले दिनों में सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को लेकर कैंपेन मोड में भी आ सकती है. आईएमएफ की भविष्यवाणी, जीएसटी और डिजिटल इकॉनमी के दम पर सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहती है. 

कठिन है डगर पनघट के 

आर्थिक विश्लेषक मानते हैं कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने के लिए जीडीपी को 8 फीसदी के दर से बढ़ना होगा. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और औद्योगिक विकास के दर को बढ़ाना होगा तभी जा कर यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. एमएसएमई में नई जान फूंकनी होगी और कुल मिला कर बड़े पैमाने पर रोज़गार उत्पादन करने होंगे ताकि लोगों की खरीद क्षमता में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो, जिससे अर्थव्यवस्था को नई शक्ति प्रदान हो. 

5 ट्रिलियन डॉलर क्या है 'मिशन इम्पॉसिबल' 

सरकार ने इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाने का एलान किया है. अगले 5 वर्षों में सरकार इस पर 100 बिलियन डॉलर खर्च करेगी. गुरुवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने 2019-20 के लिए जीडीपी के 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई है. रेलवे में पीपीपी मॉडल के तहत वित्त मंत्री ने 2030 तक 50 लाख करोड़ के निवेश की बात कही है. विदेशी निवेशकों के लिए मीडिया और बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की घोषणा बजट में की गई है. सरकार लिक्विडिटी की कमी को पूरा करने के लिए उत्सुक दिख रही है. अमीरों पर टैक्स बढ़ा कर वेलफेयर स्कीम के पहिये को थामने का प्रयास बजट में किया गया है. 

टॅग्स :नरेंद्र मोदीनिर्मला सीतारमणबजट 2019सुब्रमणियन स्वामी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारत अधिक खबरें

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा