मोदी सरकार ने सदन में बताया कि 5 साल में सबसे ज्यादा पुलिस मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में हुई, यूपी दूसरे नंबर पर

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 8, 2022 10:47 PM2022-02-08T22:47:25+5:302022-02-08T22:53:40+5:30

केंद्र सरकार ने सदन में बताया कि बीते पांच वर्षों में सबसे ज्यादा पुलिस मुठभेड़ के मामले नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में दर्ज हुए हैं। उसके बाद पुलिस एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर आता है।

Modi government told in the house that in 5 years the maximum number of police encounters took place in Chhattisgarh, UP at number two | मोदी सरकार ने सदन में बताया कि 5 साल में सबसे ज्यादा पुलिस मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में हुई, यूपी दूसरे नंबर पर

मोदी सरकार ने सदन में बताया कि 5 साल में सबसे ज्यादा पुलिस मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में हुई, यूपी दूसरे नंबर पर

Highlightsसरकार ने सदन में यह जानकारी भाजपा सांसद वरुण गांधी के लिखित प्रश्न के जवाब में दी जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2021 तक यूपी में पुलिस मुठभेड़ के 117 मामले दर्ज किये गये हैंवहीं नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में पुलिस मुठभेड़ की करीब 191 घटनाएं हुई हैं

दिल्ली: संसद सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि बीते पांच वर्षों में सबसे ज्यादा पुलिस मुठभेड़ के मामले नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में हुए। उसके बाद पुलिस एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर आता है।

दरअसल केंद्र सरकार ने सदन में यह जानकारी बीजेपी सांसद वरुण गांधी के प्रश्न के जवाब में दिया। जिसमें गांधी ने बीते पिछले पांच वर्षों में यूपी में हुई पुलिस मुठभेड़ों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी थी।

इसके जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2021 तक उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ के 117 मामले दर्ज किये गये हैं। वहीं नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ राज्य में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीत करीब 191 बार गोलियां चलीं।

पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2021 के दौरान मुठभेड़ में हुई हत्याओं के संबंध में दर्ज की गई एफआईआर और उन हत्याओं के आरोप में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच की संख्या और दोषी ठहराए गए पुलिस अधिकारियों की संख्या की जानकारी सरकार से मांगी थी। जिसके जवाब में गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इस संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।

गृह मंत्रालय की ओर से सदन में जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि जो जवाब सांसद वरुण गांधी ने मांगा है। उस तरह का कोई भी रिकॉर्ड गृह मंत्रालय के पास नहीं रखा जाता है।

गृह राज्य मंत्री ने इसके लिए तर्क देते हुए कहा कि चूंकि संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य के विषय है, इसलिए इस विषय में जानकारी रखवा राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है।

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अपने लिखित उत्तर में सदन को बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पुलिस कार्रवाई के दौरान मौतों के मामलों की जांच के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। उसके मुताबिक पुलिस कार्रवाई के दौरान हर मौत की जानकारी 48 घंटों के भीतर रिपोर्ट कर दी जाती है।

वहीं इसके साथ ही एक अन्य जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राज्य पुलिस ने अप्रैल 2018 से मार्च 2021 के बीच कस्टोडियल डेथ के कुल 23 मामले दर्ज किये गये हैं।

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