सूचना के अधिकार को बेअसर करने में जुटी है मोदी सरकार: सोनिया गांधी

By शीलेष शर्मा | Published: November 1, 2019 05:46 AM2019-11-01T05:46:43+5:302019-11-01T05:46:43+5:30

 इस बयान को देने से पहले सोनिया गांधी ने शक्ति स्थल जाकर इंदिरा जी को याद किया उनके साथ पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व राष्टÑपति प्रणब मुखर्जी सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद थे.  

Modi government is trying to neutralize the right to information says Sonia Gandhi | सूचना के अधिकार को बेअसर करने में जुटी है मोदी सरकार: सोनिया गांधी

सूचना के अधिकार को बेअसर करने में जुटी है मोदी सरकार: सोनिया गांधी

Highlightsराहुल गांधी विदेश यात्रा पर होने के कारण शिरकत नहीं कर सकें. प्रियंका और राहुल ने ट्वीट कर अपनी ‘दादी’ को याद किया.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह सूचना के अधिकार कानून को दंतविहीन बनाने का षडंयत्र रच रही है. जिसे ना कांग्रेस ने स्वीकार किया है और ना ही स्वीकार करेगी. कांग्रेस इसके खिलाफ संसद से सड़क तक संघर्ष के लिए तैयार है.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस पर श्रृद्धासमुन अर्पित करने के बाद सोनिया ने यह विचार व्यक्त किए. अपने बयान में सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार आरटीआई की संस्था को एक बड़ी अड़चन के रुप में देखती है क्योंकि यह कानून जवाबदेही मांगता है और मोदी सरकार की कार्यशैली में जवाब देने का कोई स्थान नहीं है. पहले सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त के पद को दसों महीनें रिक्त रखा. 

केवल इसलिए कि इस कानून को प्रभावहीन बनाया जा सके और अब सूचना आयुक्तों की नियुक्ति से लेकर उनके वेतन तय करने तक के काम को सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है ताकि जो आयुक्त सरकार की इच्छा के विरुद्ध चलने की कोशिश करेगा उसे यह सरकार बर्खास्त कर सके. कोई भी स्वाभिमानी अधिकारी सरकार के हस्तक्षेप के विरुद्ध यदि फैसले सुनाने की कोशिश करेगा तो मोदी सरकार ने इतनी शक्तियां अपने पास केंद्रित की है जिससे वह उन अधिकारियों को प्रताड़ित कर सके. 

अपने चेहतों के वेतनमानों को ज्यादा करना और विपरीत दिशा में चलने वाले अधिकारियों के वेतन को कम करने का अधिकार भी इस सरकार ने अपने अधीन कर लिया है. सरकार के इशारों पर अधिकारियों को जब तक चाहे, जैसा चाहे, यह सरकार नियुक्त कर सकेगी, नतीजा साफ है कि मजबूरी में सूचना उपलब्ध कराने वाले अधिकारी चापलूसी करें और जिन सवालों का सरकार जवाब नहीं देना चाहती है उन्हें दबा कर बैठ जाएं.

यह एक निरंकुश और तानाशाही का नमूना है.  इस बयान को देने से पहले सोनिया गांधी ने शक्ति स्थल जाकर इंदिरा जी को याद किया उनके साथ पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व राष्टÑपति प्रणब मुखर्जी सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद थे.  राहुल गांधी विदेश यात्रा पर होने के कारण शिरकत नहीं कर सकें. प्रियंका और राहुल ने ट्वीट कर अपनी ‘दादी’ को याद किया.

Web Title: Modi government is trying to neutralize the right to information says Sonia Gandhi

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