मोदी सरकार बना रही है भारत-श्रीलंका के बीच 23 किलोमीटर लंबे समुद्री पुल की योजना, मिलेगा अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 23, 2024 07:02 AM2024-01-23T07:02:11+5:302024-01-23T07:16:13+5:30

केंद्र सरकार जल्द ही भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले एक पुल के निर्माण पर काम शुरू कररने जा रही है।

Modi government is planning a 23 km long sea bridge between India and Sri Lanka, will boost economy and tourism | मोदी सरकार बना रही है भारत-श्रीलंका के बीच 23 किलोमीटर लंबे समुद्री पुल की योजना, मिलेगा अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा

मोदी सरकार बना रही है भारत-श्रीलंका के बीच 23 किलोमीटर लंबे समुद्री पुल की योजना, मिलेगा अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा

Highlightsसरकार जल्द ही भारत-श्रीलंका को जोड़ने वाले एक पुल के निर्माण पर काम शुरू करने जा रही हैयह पुल भारत के तमिलनाडु स्थित धनुषकोडी और श्रीलंका में तलाईमन्नार को आपस में जोड़ेगायह नया राम सेतु 23 किमी लंबा होगा और इसे एनएचएआई द्वारा बनाया जाएगा

चेन्नई: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकारभारत और श्रीलंता के मध्य पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा देने के लिए एक महत्वकांक्षी परियोजना को शुरू करने जा रही है। जी हां, केंद्र सरकार जल्द ही भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले एक पुल के निर्माण पर काम शुरू करने जा रही है।

केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार सरकार दोनों देशों के मध्य स्थित समुद्र पर 23 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण के लिए रिसर्च शुरू कर रही है, जो भारत के तमिलनाडु स्थित धनुषकोडी और श्रीलंका में तलाईमन्नार को आपस में जोड़ने का काम करेगा।

साचार वेबसाइट न्यूज9 के अनुसार बनने वाला नया राम सेतु 23 किमी लंबा होगा और यह पुल सड़क के साथ-साथ रेल लिंक भी स्थापित करेगा, जो धनुषकोडी में भारत को तलाईमन्नार, पाक जलडमरूमध्य के पार श्रीलंका को जोड़ेगा।

अनुमान है कि इस सेतुसमुद्रम परियोजना से दोनों देशों के मध्य परिवहन लागत में 50 प्रतिशत कम आ कती है और इससे श्रीलंका सीधे तौर पर भारत के साथ जुड़ जाएगा। खबरों के अनुसार इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा अमलीजामा पहनाया जाएगा।

इस परियोजना के संबंध में आगे कहा गया कि दोनों देशों के मध्य छह महीने पहले किये गये आर्थिक और तकनीकी सहयोग समझौते ने 40,000 करोड़ रुपये के इस पुल परियोजना का मार्ग प्रशस्त किया, जिसमें एडीबी द्वारा समर्थित राम सेतु के साथ नई रेल लाइनें और एक्सप्रेसवे शामिल हैं, जिसके लिए जल्द ही व्यवहारिक अध्ययन शुरू किया जाएगा।

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सोमवार को तमिलनाडु में धनुषकोडी के पास अरिचल मुनाई का दौरा किया था, जिसे भारत में राम सेतु का शुरुआती बिंदु माना जाता है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई के लिए यही प जिस पुल की स्थापना की थी, इसे राम सेतु के नाम से जाना जाता है। यही कारण है कि मोदी सरकार इस धार्मिक मान्यता के तरह भी इस राम सेतु को फिर से तमिलनाडु स्थित धनुषकोडी को श्रीलंका में तलाईमन्नार तक बनाना चाहती है। दोनों देशों के मध्य बनने वाला यह ऐतिहासिक पुल 23 किलोमीटर लंबा होगा, जिसे समुद्र पर बनाया जाएगा।

भगवान राम से संबंधित 'राम सेतु' का उल्लेख न केवल उत्तर भारत के पौराणिक ग्रंथों में बल्कि असंख्य तमिल ग्रंथों और तमिल राजाओं के कई शिलालेखों और तांबे की प्लेटों में भी मिलता है। रामनाथपुरम सेतुपति इस स्थान का बहुत सम्मान करते हैं, उनके सभी अनुदान इसी पवित्र स्थान पर 'पंजीकृत' थे। पीएम मोदी ने यहां अयोध्या मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अपने आध्यात्मिक दौरे पर हस्ताक्षर किए थे।

Web Title: Modi government is planning a 23 km long sea bridge between India and Sri Lanka, will boost economy and tourism

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