लोन मोरेटोरियम पर केंद्र सरकार की बड़ी राहत, 2 करोड़ तक के लोन पर माफ होगा चक्रवृद्धि ब्याज
By स्वाति सिंह | Published: October 3, 2020 01:09 PM2020-10-03T13:09:42+5:302020-10-03T13:09:42+5:30
कोरोना संकट की वजह से मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया। लॉकडाउन की वजह से काम-धंधे बंद थे, बहुत से लोग लोन की EMI नहीं चुकाने की स्थिति में थे। जिसे देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आदेश पर बैंकों से EMI नहीं चुकाने के लिए 6 महीने की मोहलत मिल गई।
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने लोन लेने वालों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एमएसएमई लोन, एजुकेशन, हाउसिंग, कंज्यूमर, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया और उपभोग लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज (ब्याज पर ब्याज) को माफ किया जाएगा। सरकार के मुताबिक 6 महीने के लोन मोरेटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज वसूली नहीं की जाएगी।
केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि महामारी की स्थिति में ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे, ये ही केवल समाधान है। वित्त मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा है कि सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की परंपरा को बनाए रखने का फैसला किया है।
क्या है इसके मायने
दरअसल, कोरोना संकट की वजह से मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया। लॉकडाउन की वजह से काम-धंधे बंद थे, बहुत से लोग लोन की EMI नहीं चुकाने की स्थिति में थे। जिसे देखते हुए आरबीआई के आदेश पर बैंकों से EMI नहीं चुकाने के लिए 6 महीने की मोहलत मिल गई। लेकिन सबसे बड़ी समस्या मोरेटोरियम के बदले लगने वाले अतिरिक्त चार्ज को लेकर थी। ये अतिरिक्त चार्ज लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए बड़ा बोझ बन रहा था। केंद्र सरकार की ओर से दी गई इस राहत का मतलब ये हुआ कि लोन मोरेटोरियम का लाभ ले रहे लोगों को अब ब्याज पर अतिरिक्त पैसे नहीं देने होंगे। ऐसे ग्राहक सिर्फ लोन का सामान्य ब्याज देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने की थी टिप्पणी
बता दें कि बीते अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि इस बारे में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाए नहीं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप सिर्फ व्यापार में दिलचस्पी नहीं ले सकते। लोगों की परेशानियों को भी देखना होगा।