Modi Cabinet expansion: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार इसी हफ्ते किया जाएगा।
उम्मीद जताई जा रही है कि इसी सात जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। पीएम मोदी के इस नए मंत्रिमंडल में 17 से 22 नए मंत्री शामिल होंगे। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, जिन राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए उन्हें मंत्रिमंडल में तरजीह दी जाएगी।
इसके अलावा क्षेत्रीय दलों के नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में शामिल कर एनडीए का कुनबा बढ़ाने की तैयारी है। वहीं चर्चा इस बात की भी है बीते साल कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। खबर ये भी है कि पीएम मोदी सिंधिया को किसी अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।
बीजेपी सांसद राकेश सिंह को भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता
बता दें कि सिंधिया यूपीए की सरकार में 2007 से 2009 के बीच केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री रहे, जबकी साल 2009 से 2014 के बीच सिंधियों को वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस बात को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि सिंधिया को इन्हीं मंत्रालयों में से किसी एक की अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश से सिंधिया के साथ बीजेपी सांसद राकेश सिंह को भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, वहीं उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए यहां से अपना दल की अनुप्रिया पटेल सहित करीब चार लोगों को पीएम मोदी के मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है।
नारायण राणे, हिना गावित और रणजीत नाइक निंबलकर को भी
जबकी बिहार से बीजेपी के सुशील मोदी और जेडीयू से आरसीपी सिंह और एलजेपी पशुपती पारस को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, वहीं महाराष्ट्र से नारायण राणे, हिना गावित और रणजीत नाइक निंबलकर को भी इस मंत्रिमंडल में जगह मिलने की चर्चा है।
राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से एक-एक मंत्री चुना जा सकता है। बता दें कि गठबंधन दल भी इस बार मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं। कैबिनेट में जेडीयू, एलजेपी और वाईएसआर कांग्रेस ने कई मंत्री शामिल हो सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर इस बात की भी चर्चा है कि मंत्रिमंडल में अतिरिक्त प्रभार वाले नौ मंत्री अतिरिक्त मंत्रालय छोड़ सकते हैं- इनमें प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल धर्मेंद्र प्रधान नितिन गडकरी डॉ हर्षवर्धन नरेंद्र सिंह तोमर रविशंकर प्रसाद स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी जैसे केंद्रीय मंत्रियों के नाम शामिल हैं। बता दें कि वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में कुल 53 मंत्री हैं, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान 28 नए मंत्रियों को जोड़ा जा सकता है। इस हिसाब से मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में 81 सदस्य हो सकते हैं।
कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा के बीच प्रधानमंत्री ने शाह और संतोष के साथ बैठक की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल को लेकर चल रही चर्चा के बीच गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक की है। इस बैठक को मंत्रिपरिषद विस्तार से जुड़े ब्यौरे को अंतिम रूप देने से जोड़कर देखा जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि जल्द ही मंत्रिपरिषद में फेरबदल होने की ‘प्रबल संभावना’ के बीच शाह और संतोष ने रविवार को प्रधानमंत्री के निवास पर उनके साथ कई घंटों तक चर्चा की। कुछ सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण बुधवार तक हो सकता है। बहरहाल, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अगर प्रधानमंत्री फेरबदल करते हैं तो मई, 2019 में प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी पारी शुरू करने के बाद मंत्रिपरिषद का यह पहला विस्तार होगा।
जदयू और अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता
असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुशील मोदी उन संभावित लोगों में शामिल माने जा रहे हैं जिन्होंने मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है। इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो मिल सकती है क्योंकि अगले साल की शुरुआत में वहां विधानसभा चुनाव है और राजनीतिक रूप से यह देश का सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता है। सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व भी इस विस्तार में बढ़ सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा की सहयोगियों जदयू और अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है।
मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री
आरपीआई नेता राम दास आठवले इकलौते ऐसे गैर भाजपाई नेता हैं जो नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था और ऐसे में सबकी नजरें इस ओर हैं कि उनके भाई पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनाया जाता है या नहीं।
उल्लेखनीय है कि लोजपा इन दिनों पारस और उनके भतीजे चिराग पासवान की अगुवाई वाले दो गुटों में बंटी हुई है। मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री हैं और नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 हो सकती है।