एमके स्टालिन ने अमित शाह के 'हिंदी' में कामकाज वाले बयान पर जताई आपत्ति, बोले- 'शाह के बयान से देश की एकता को खतरा पहुंचा है'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 9, 2022 02:23 PM2022-04-09T14:23:14+5:302022-04-09T14:28:53+5:30

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हिंदी के प्रयोग वाले बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह भारत की विविधता के खिलाफ है और इस तरह के बयान से देश को खतरा पहुंच सकता है।

MK Stalin objected to Amit Shah's statement of working in Hindi, said- Shah's statement has threatened the unity of the country | एमके स्टालिन ने अमित शाह के 'हिंदी' में कामकाज वाले बयान पर जताई आपत्ति, बोले- 'शाह के बयान से देश की एकता को खतरा पहुंचा है'

फाइल फोटो

Highlightsअमित शाह द्वारा हिंदी के पक्ष में दिये गये बयान को लेकर दक्षिण भारत में खासी खलबली मची हुई हैतमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने अमित शाह के बयान को देश की एकता के लिए खतरा बताया कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अमित शाह के बयान को सांस्कृतिक आतंकवाद का नाम है

चेन्नई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा अंतरराज्यीय संवाद स्थापित करने के लिए अंग्रेजी के बजाय हिंदी भाषा के प्रयोग किये जाने वाले बयान की तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कड़ी आलोचना की है। सीएम स्टालिन ने कहा कि यह भारत की विविधता के खिलाफ है और इस तरह के बयान से देश को खतरा पहुंच सकता है।

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह कहना कि 'अंग्रेजी के जगह पर हिंदी का प्रयोग करें', दरअसल यह सीधे-सीधे भारत की एकता और अखंडता पर चोट करने जैसा है। केंद्र की भाजपा सरकार इस देश की विविधता को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुली हुई है। देश की एकता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार एक भाषा को माध्यम बनाना चाहती है तो इससे कभी एकता नहीं आ पायेगी। आप भी वही गलती दोहरा रहे हैं लेकिन आप सफल नहीं होंगे।"

मालूम हो कि अमित शाह द्वारा हिंदी के पक्ष में दिये गये बयान को लेकर दक्षिण भारत में खासी खलबली मची हुई है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से पहले कर्नाटक के पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कड़ी आपत्ति जताते हुए शाह की की टिप्पणी को 'हिंदी थोपना' जैसा करार दिया था। सिद्धारमैया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है और वे ऐसा कभी नहीं होने देंगे।

शाह के बयान को सांस्कृतिक आतंकवाद का नाम देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा गैर-हिंदी भाषी राज्यों के खिलाफ "सांस्कृतिक आतंकवाद" के अपने एजेंडे को चला रही है। 

सिद्धारमैया ने कहा, "हिंदी को थोपना सहकारी संघवाद की जगह जबरन संघवाद का संकेत देता है। हमारी भाषाओं के बारे में भाजपा अपनी अदूरदर्शी दृष्टिकोण में सुधार करे। वैसे भाजपा की विचारधारा सावरकर जैसे छद्म राष्ट्रवादियों से ली गई है।"

मालूम हो कि अमित शाह के अधीन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा है कि केंद्र सरकार को चलाने का माध्यम राजभाषा है और इससे निश्चित तौर पर हिंदी का महत्व बढ़ेगा।

उन्होंने सदस्यों को बताया कि अब कैबिनेट का 70 प्रतिशत एजेंडा हिंदी में तैयार किया गया है। इसके साथ ही शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि राजभाषा हिंदी को देश की एकता का अहम हिस्सा बनाया जाए।

Web Title: MK Stalin objected to Amit Shah's statement of working in Hindi, said- Shah's statement has threatened the unity of the country

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